इस साल का वरलक्ष्मी व्रत कल 12 अगस्त दिन शुक्रवार को

इस साल का वरलक्ष्मी व्रत (Varalakshmi Vrat) कल 12 अगस्त दिन शुक्रवार को है.

Update: 2022-08-11 10:10 GMT

इस साल का वरलक्ष्मी व्रत (Varalakshmi Vrat) कल 12 अगस्त दिन शुक्रवार को है. सावन मास के अंतिम शुक्रवार या सावन समापन के बाद के शुक्रवार को वरलक्ष्मी व्रत रखा जाता है. इस दिन माता महालक्ष्मी के वरलक्ष्मी स्वरूप की पूजा-अर्चना करते हैं. वैसे भी शुक्रवार का दिन माता लक्ष्मी की पूजा के लिए समर्पित है. वरलक्ष्मी व्रत रखने और पूजा करने से अष्टलक्ष्मी की प्राप्ति होती है. माता वरलक्ष्मी अपने भक्तों को धन, ज्ञान, पुत्र, सुख, सौभाग्य, समृद्धि सबकुछ प्रदान करती हैं. तिरुपति के ज्योतिषाचार्य डॉ. कृष्ण कुमार भार्गव से जानते हैं वरलक्ष्मी व्रत के शुभ मुहूर्त और पूजा विधि के बारे में.

वरलक्ष्मी व्रत 2022
दिन: शुक्रवार, 12 अगस्त 2022
इस दिन प्रात: 07:05 बजे तक श्रावण पूर्णिमा है. उसके बाद से भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि प्रारंभ हो जाएगी. यह तिथि 13 अगस्त को प्रात: 03 बजकर 46 मिनट तक रहेगी.
वरलक्ष्मी व्रत पूजा मुहूर्त 2022
12 अगस्त को माता वरलक्ष्मी की पूजा के लिए चार शुभ मुहूर्त हैं. जिन लोगों को सुबह पूजा करनी है वे 06:14 बजे से 08:32 बजे के मध्य कर सकते हैं. दोपहर में वरलक्ष्मी पूजा का शुभ समय 01:07 बजे से 03:26 बजे तक है.उसके बाद शाम को वरलक्ष्मी की पूजा का शुभ समय 07:12 बजे से रात 08:40 बजे तक है. रात्रि प्रहर की पूजा का शुभ समय 11:40 बजे से देर रात 01:35 बजे तक है.
सौभाग्य और शोभन योग में वरलक्ष्मी व्रत
इस दिन प्रात:काल से सौभाग्य योग बना हुआ है. वरलक्ष्मी व्रत के दिन सौभाग्य और शोभन योग का सुंदर संयोग है. ये दोनों ही योग शुभ कार्यों के लिए अच्छे होते हैं.
माता वरलक्ष्मी की पूजा विधि
पूजा के दिन सुहागन महिलाएं शुभ समय में माता वरलक्ष्मी की पूजा करती हैं. सबसे पहले एक चौकी पर माता वरलक्ष्मी की तस्वीर स्थापित करते हैं. उसके बाद अक्षत्, कुमकुम, सिंदूर, नारियल, सुपारी, पान का पत्ता, बताशा, धूप, दीप, गंध, फल, फूल आदि से माता की पूजा करते हैं.फिर आप वरलक्ष्मी व्रत कथा का पाठ करते हैं और पूजा का समापन माता लक्ष्मी की आरती से करते हैं. माता वरलक्ष्मी से अपने मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए प्रार्थना करते हैं.

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