कुंडली की दशा बिगाड़ सकता हैं आपका यह गलत व्यवहार, जानिए कैसे

Update: 2023-06-10 13:51 GMT
हर व्यक्ति चाहता है कि उसका जीवन बड़ी सुगमता और बिना चिंताओं के साथ व्यतीत हो। यह सभी आपके कुंडली की दशा और ग्रहों की दिशा पर निर्भर करता हैं। इसलिए जरूर होता है कि कुंडली की दशा सही बनाए रखने के लिए प्रयास किये जाए। क्या आप जानते हैं कि आपका व्यवहार भी आपकी कुंडली की दशा बिगाड़ सकता हैं। जिसकी वजह से जीवन में परेशानियाँ आती हैं। तो आइये जानते हैं किस तरह से आपका व्यवहार आपकी कुंडली की दशा ख़राब कर सकता हैं।
* आत्मा को कष्ट न पहुंचाएं किसी भी जीव या प्राणी की आत्मा को कष्ट या ठेस पहुंचाने, सरकारी टैक्स की चोरी करने, दादा, पिता या श्वसुर आदि का अपमान करने से सूर्य ग्रह कुपित होकर अशुभ फल देते हैं।
* नानी, दादी, माता या परिवार की किसी बुजुर्ग और सम्मानित महिला को कष्ट देने तथा किसी की वस्तु को द्वेषपूर्वक लेने से चंद्र ग्रह का अशुभ असर जीवन पर पड़ता है।
* भाई के साथ झगड़ा या धोखा करने तथा पत्नी के भाइयों का अपमान करने से मंगल ग्रह का प्रकोप जातक को झेलना पड़ सकता है।
* बहन-बेटी को कभी न सताएं बहन, बेटी, बुआ, मौसी, पत्नी की बहन, पत्नी की भाभी और किन्नरों को कष्ट देने से बुध ग्रह पीड़ित होकर अशुभ फल देते हैं।
* पिता, दादा, नाना, गुरु और साधु-संन्यासियों का उपहास उड़ाने तथा उनको अपमानित करके कष्ट देने से गुरु ग्रह कुपित होकर अशुभ फल देने लगते हैं।
* जीवनसाथी को कष्ट देने, गंदे, फटे और पुराने वस्त्र धारण करने अथवा घर में सजोकर रखने और पर स्त्री के साथ संबंध बनाने से शुक्र ग्रह पीड़ित होकर जातक को कष्ट देते हैं।
* चाचा-ताऊ का करें सम्मान चाचा और ताऊ से झगड़ा करने, किराए पर लिए गए मकान या दुकान को खाली न करने अथवा खाली करने के बदले में धन मांगने, शराब, मांस या नशीले पदार्थों का सेवन करने से शनि ग्रह कुपित होते हैं, जिसकी वजह से जातक जीवन में कष्ट भोगता है।
* भूलकर भी न दें झूठी गवाही बड़े भाई का अपमान करके, उन्हें कष्ट पहुंचाने और सर्प पालकर अपनी आजीविका कमाने वाले सपेरों को कष्ट पहुंचाने पर राहु ग्रह नकारात्मक प्रभाव देने लगते हैं।
* इसी प्रकार भांजे एवं भतीजे को कष्ट देने, कुत्ते को मारने, मंदिर या किसी धर्म स्थल को नष्ट करने अथवा मंदिर में लगे ध्वज को क्षति पहुंचाने, किसी मुकदमे में झूठी गवाही देने और किसी के साथ धोखा करने से केतु ग्रह कुपित होकर जातक को कष्ट देते हैं।
* शुभ कार्य करते रहना ही सर्वश्रेष्ठ उपाए नवग्रहों को अपने अनुकूल और शुभ बनाने के लिए यह अत्यंत आवश्यक है कि सदैव शुभ कार्य ही किए जाएं और सभी को समुचित आदर-सत्कार दिया जाए। साथ ही ईश्वर की भक्ति करते हुए कुपित ग्रहों की शांति एवं प्रसन्नता के लिए ज्योतिष के अनुसार उपाए करते रहना भी जरूरी है।
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