धार्मिक आस्थाओ का प्रतीक है यह काठ की माला

Update: 2023-06-28 11:56 GMT
माला से जाप करना एक साधना है भक्ति है। माला से जाप करने से मन शांत रहता है और ध्यान भी एक ही जगह पर रहता है। किसी भी मंत्र का 108 बार जाप करने से किसी भी देवी देवता को याद करने के बराबर होता है। माला से जाप करना अपने इष्ट को अपने करीब पाना होता है। किसी भी तरह की माला धारण करने के पीछे कुछ न कुछ कारण होता है। तो आइये जानते है इस बारे में....
# तुलसी की माला
हिन्दु धर्म में तुलसी का विशेष महत्व है। तुलसी की माला भी धारण करना अच्छा माना जाता है। भगवान विष्णु और कृष्ण के भक्त तुलसी की माला को धारण करते हैं। कहा जाता है कि तुलसी की माला पहनने से मन और आत्मा पवित्र होती है।
# रुद्राक्ष की माला
भारतीय संस्कृति में रुद्राक्ष का बहुत महत्व है। माना जाता है कि रुद्राक्ष इंसान को हर तरह की हानिकारक ऊर्जा से बचाता है। इसमें एक अनोखे तरह का स्पदंन होता है। जो आपके लिए ऊर्जा का एक सुरक्षा कवच बना देता है, जिससे बाहरी ऊर्जाएं आपको परेशान नहीं कर पातीं है।
# स्फटिक की माला
यह माला 108 मणका से बनी होती है। स्फटिक की माला में मोती स्पष्ट और हीरे जैसे दिखते है। ज्योतिष के अनुसार यह शुक्र ग्रह से संबंधित है। इस माल का उपयोग करके इसका जाप करने का अपना ही अलग महत्व है।
# चन्दन की माला
चन्दन की माला का उपयोग गणेशजी की वंदन करने के लिए किया जाता है। इसकी वजह से शरीर में कपंन होता है और नयी ऊर्जा का संचार होता है। इससे ध्यान लगाना बहुत ही आसान होता है।
5. सुत गांठ की माला
सुत की माला सूत की 108 गांठो से बनी होती है। इस माला का प्रयोग भी देवी देवता की अर्चना करने के लिए किया जाता है। इससे शरीर में नयी ऊर्जा शक्ति मिलती है और दिनभर तरोताज़गी का अहसास रहता है।
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