धर्म अध्यात्म: इस बार 28 अक्टूबर को शरद पूर्णिमा का पर्व चंद्रग्रहण के साए में मनाया जाएगा. इस दिन चंद्रग्रहण रहेगा, जो भारत में भी दिखाई देगा. इस वजह से ग्रहण का सूतक दोपहर से ही प्रारंभ हो जाएगा. वहीं चंद्रमा की शीतल रोशनी में बनने वाली खीर भी इस बार ग्रहण के कारण मध्य रात्रि में नहीं बन पाएगी. ऐसे में ग्रहण समाप्ति के बाद ही खीर बना सकेंगे. खीर बनाने के लिए गाय के दूध में कुशा सूतक से पहले जरूर डाल दें. मान्यता है कि कुशा डालने से गाय का दूध शुद्ध रहेगा. इसके बाद फिर आप इस दूध की खीर बना सकेंगे.
मंदिर में नहीं लगेगा खीर का भोग
सर्वपितृ मोक्ष अमावस्या के दिन 14 अक्टूबर को सूर्य ग्रहण रहेगा. इसके बाद शरद पूर्णिमा 28 अक्टूबर को चंद्रग्रहण रहेगा. यह सूर्यग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा, इसलिए देश में इसका कोई सूतक मान्य नहीं होगा. ऐसे में पितृ मोक्ष अमावस्या के दिन सभी प्रकार के आयोजन निर्विघ्न होंगे. ठीक इसी प्रकार शरद पूर्णिमा पर चंद्रग्रहण लगेगा. यह ग्रहण भारतवर्ष में दिखाई भी देगा. इस ग्रहण का सूतक दोपहर बाद से ही प्रारंभ हो जाएगा जो मध्यरात्रि के बाद तक रहेगा. इस दिन रात्रि में मंदिरों के पट बंद रहेंगे. मंदिरों में भजन कीर्तन तो होंगे पर खीर का भोग नहीं लगाया जाएगा.
एक पखवाड़े में दो ग्रहण शुभ नहीं
ज्योतिषाचार्य पं. सोमेश परसाई ने बताया कि शरद पूर्णिमा के चंद्रग्रहण का असर भारत में दिखेगा, इसलिए इसका सूतक यहां मान्य होगा. दिन में ही भगवान का अभिषेक, पूजन, अनुष्ठान करना होगा. मध्यरात्रि के बाद खीर भगवान को अर्पित कर सकते हैं. बताया कि चंद्र ग्रहण अश्विनी नक्षत्र एवं मेष राशि पर होगा. ग्रहण का प्रारंभ ईशान कोण से होगा और मोक्ष चंद्रमा के अग्नि कोण पर होगा. एक पखवाड़े में दो ग्रहण शुभ नहीं माने जाते हैं.
इतने बजे बनेगी खीर
ज्योतिषाचार्य ने बताया कि शरद पूर्णिमा पर शाम चार बजे सूतक लग जाएगा. ऐसे में चंद्र ग्रहण तक खीर बनाना निषेध रहेगा. खीर बनाने के लिए गाय के दूध में सूतक काल शुरू होने के पहले कुशा डाल दें और उसे ढककर रख दें. इससे सूतक काल के दौरान दूध शुद्ध रहेगा, जिससे आप बाद में खीर बनाकर भोग लगा सकेंगे. खीर बनाने की प्रक्रिया मध्य रात्रि के बाद यानी ग्रहण खत्म होने के बाद शुरू की जाएगी और भोर में आप अमृत वर्षा के लिए इसे खुले आसमान के नीचे रख सकते हैं.
चंद्रग्रहण का समय
ग्रहण का स्पर्श 28 अक्टूबर की रात्रि 1:05 बजे
ग्रहण का मध्य 28 अक्टूबर की रात्रि 1:44 बजे
ग्रहण का मोक्ष 28 अक्टूबर की रात्रि 2:24 बजे
ग्रहण का सूतक प्रारंभ 28 अक्टूबर की दोपहर 4:05 बजे
इन राशियों पर शुभ व अशुभ प्रभाव
शुभ प्रभाव: कर्क, मिथुन, वृश्चिक, धनु, कुंभ राशि पर
मध्यम प्रभाव: सिंह, तुला और मीन राशि पर
अशुभ प्रभाव: मेष, वृष, कन्या और मकर राशि पर