फेंग शुई का ये तीन टांगों वाला मेढ़क है कमाल, घर में रखते ही भरने लगता है धन का भंडार, जानें

एक तीन टांगों वाले मेढ़क के बारे में बताया गया है, जिसे रखते ही आपकी किस्मत बदल जाएगी. आइए जानते हैं इसके फायदों के बारे में.

Update: 2022-03-08 18:33 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। वास्तु शास्त्र की तरह चीनी शास्त्र फेंगशुई भी घर में सकारात्मक ऊर्जा प्रदान करता है. घर से जुड़ी हर चीज वास्तु से प्रभावित होती है. घर की सुख-समृद्धि से लेकर घर के सदस्यों के स्वास्थ सभी में वास्तु का प्रभाव पड़ता है. फेंगशुई में कई ऐसी चीजों का जिक्र किया गया है जिन्हें अपनाने से घर में वास्तु दोष को दूर किया जा सकता है. फेंगशुई में ऐसा ही एक तीन टांगों वाले मेढ़क के बारे में बताया गया है, जिसे रखते ही आपकी किस्मत बदल जाएगी. आइए जानते हैं इसके फायदों के बारे में.

जाग जाती है किस्मत- फेंगशुई के अनुसार तीन टांगों वाला मेढ़क किस्मत बदलने के लिए शुभ माना जाता है. कहते हैं कि इसे घर में सही दिशा में रखने से व्यक्ति की किस्मत बदल जाती है. तीन टांगों वाले मेंढक को कई नामों से जाना जाता है जैसे- धन मेंढक, पैसे वाला मेंढक, भाग्यशाली पैसा मेंढक, अथवा तीन टांगों वाला मेंढक.
आर्थिक लाभ होता है- फेंगशुई में बताए गए तीन टांगों वाले मेढ़क को आर्थिक लाभ, धन और अच्छे स्वास्थ्य से जुड़ा गया है. ऐसी मान्यता है कि फेंगई मेंढक दुर्भाग्य के खिलाफ व्यक्ति की रक्षा करता है और घर के लिए अच्छा भाग्य और धन लाता है.
व्यापार में होती है तरक्की- अगर आप कोई व्यापार आदि करते हैं, जो बिजनेस वाले स्थान पर भी इसे रख सकते हैं. इससे आपका बिजनेस खूब उन्नति करेगा. साथ ही जीवन में समृद्धि प्राप्त होगी.
रखने की सही दिशा- फेंगशुई में किसी भी चीज का लाभ तभी मिलता है, जब इसे सही दिशा में रखा जाएगा. तीन टांग वाले मेढ़क को घर के अंदर मुख्य दरवाजे के आसपास रखना चाहिए. वहीं, अगर इसे तिजोरी के आसपास स्थापित कर दिया जाए, तो आर्थिक स्थिति में सुधार होता है. इस बात का ध्यान रखें कि मेढ़क को किचन या शौचालय के अंदर भूलकर भी न रखें. इससे दुर्भाग्य को बढ़ावा मिलता है. और जीवन में परेशानियां बढ़ती हैं.
इन बातों का रखें ध्यान- अगर आप घर में एक से ज्यादा मेढ़क स्थापित करना चाहते हैं, तो 3, 6 या 9 की गिनती में मेढ़क रखें. इससे ज्यादा न रखें. अगर आप इससे ज्यादा रखते हैं, तो लाभ नहीं होगा. साथ ही इसकी स्थापना इस तरह करें कि किसी भी 2 यंत्रों का मुख एक ही दिशा की में न हो. इसे सीधा जमीन पर न रखें बल्कि जमीन से थोड़ा ऊपर ऊंचाई पर रखें.

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