इस महीने है सुहागिनों का खास वट सावित्री व शनि जयंती, इसी तरह जून में पड़ेगें कई त्योहार और व्रत

इस महीने विधिवत पूजा-पाठ और अनुष्ठान करने से विवाह, ऋण और पारिवारिक समेत सभी कष्टों का निवारण हो सकता

Update: 2021-06-01 11:34 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। आज से जून का महीना शुरू होगा। हिंदू मान्यताओं के नजरिये से इस साल जून का महीना बहुत खास है। सुहागिनों का खास त्योहार वट सावित्री और शनि जयंती भी इस महीने है। इसी तरह जून में कई त्योहार और व्रत पड़ रहे हैं। इस महीने विधिवत पूजा-पाठ और अनुष्ठान करने से विवाह, ऋण और पारिवारिक समेत सभी कष्टों का निवारण हो सकता है।

साल 2021 का पहला सूर्यग्रहण 10 जून को है। हालांकि, ये भारत में नहीं दिखेगा इसलिए इसका प्रभाव पड़ेगा। इसके अलावा वट सावित्री का व्रत है। ये व्रत हर साल ज्येष्ठ महीने के कृष्ण पक्ष की अमावस्या को रखा जाता है। सुहागिनों के लिए यह दिन खास माना गया है। इस दिन महिलाएं अपने पति की दीर्घायु के लिए व्रत रखती हैं। साथ ही बरगद के पेड़ की पूजा और परिक्रमा करके वट सावित्री व्रत की कथा सुनती हैं। कई जगह ज्येष्ठ पूर्णिम पर ये व्रत करने की परंपरा है। इस बार ज्येष्ठ महीने की अमावस्या और पूर्णिमा दोनों ही जून में आ रही है। इसलिए इस महीने ये व्रत 2 बार भी किया जा सकेगा।

6 जून रविवार, अपरा एकादशी: इस दिन भगवान विष्णु की पूजा से समृद्धि और सुख बढ़ता है। इस व्रत से शादीशुदा महीलाओं का सौभाग्य भी बढ़ता है। विष्णु शहस्त्रनाम का पाठ करें। विवाह शीघ्र होगा। गुरु संबंधित दोषों से मुक्ति मिलेगी।

7 जून सोमवार, सोम प्रदोष: इस दिन भगवान शिव को जल चढ़ाकर पूजा और व्रत किया जाता है। सोम प्रदोष के प्रभाव से वैवाहिक जीवन की परेशानियां दूर होती है और सुख बढ़ता है। इस व्रत से रोगों से मुक्ति भी मिलती है। इस दिन वट वृक्ष की परिक्रमा और पूजन की जाएगी।

9 जून बुधवार, वट सावित्री व्रत: इस दिन वट वृक्ष की पूजा और काली उड़द का दान करने से परेशानियां दूर होती हैं। इस व्रत के प्रभाव से पति की उम्र बढ़ती है।

10 जून गुरुवार, स्नान दान अमावस्या और शनि जयंती: इस दिन शनि मंदिर में तेल का दान करें। रोगों से मुक्ति मिलेगी। साथ ही ऐसा करने से पारिवारिक सुख-समृद्धि बढ़ती है और परेशानियां दूर होती हैं।

13 जून रविवार, रंभा तीज: इस दिन देवी पार्वती की विशेष पूजा और व्रत करने की परंपरा है। इस दिन व्रत और पूजा से हर तरह के कष्ट दूर होते हैं और महिलाओं की शारीरिक परेशानियां दूर होती है।

14 जून सोमवार, विनायक चतुर्थी: ज्येष्ठ महीने की इस चतुर्थी तिथि पर गणेश जी और चंद्रमा की पूजा करने से पति की उम्र बढ़ती है, मनोकामनाएं पूरी होती हैं और परिवार की परेशानियां भी दूर होती है।

19 जून शनिवार, महेश नवमीं: इस दिन शिवजी के साथ माता पार्वती की भी पूजा की जाती है। इस दिन व्रत और पूजा-पाठ करने से सुख-समृद्धि बढ़ती है और परेशानियां दूर होती हैं।

20 जून रविवार, गंगा दशहरा और गायत्री जयंती: इस तिथि पर महिलाएं देवी गंगा की पूजा करती हैं। इस दिन व्रत और पूजा से तप, सौभाग्य और हर तरह का सुख बढ़ता है।

21 जून सोमवार, निर्जला एकादशी और रूक्मणी विवाह: इस दिन भगवान विष्णु की पूजा की जाती है। निर्जला एकादशी व्रत से सौभाग्य और धन लाभ के साथ ही आरोग्य की प्राप्ति भी होती है।

22 जून मंगलवार, भौम प्रदोष और वट पूजा: इस दिन वट वृक्ष की पूजन कर के भगवान शिव का जलाभिषेक किया जाता है। ऐसा करने से सौभाग्य और आरोग्य मिलता है।

24 जून गुरुवार, वट सावित्री व्रत: कई जगहों पर ज्येष्ठ महीने की पूर्णिमा पर वट सावित्रि व्रत की परंपरा है। इस व्रत को करने से पति की उम्र बढ़ती है और महिलाओं का सौभाग्य बढ़ता है।

27 जून रविवार, संकष्टी चतुर्थी व्रत: इस दिन आषाढ़ महीने की गणेश चतुर्थी है। इस व्रत में भगवान गणेश की पूजा के बाद रात को चंद्रमा को अर्घ्य देने से सौभाग्य बढ़ता है। कष्टों से मुक्ति भी मिलती है।


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