जनता से रिश्ता वेबडेस्क। Varalakshmi Vrat Importance: सावन महीना खत्म होने की कगार पर है. ऐसे में सावन का आखिरी शुक्रवार काफी अहम माना जाता है. यह दिन मां वरलक्ष्मी का माना जाता है. इस दिन शादीशुदा महिलाएं और पुरुष व्रत करते हैं, जिससे उनको सौभाग्य की प्राप्ति होती है. इ्ंसान की जिंदगी से गरीबी दूर होती है. इस बार वरलक्ष्मी व्रत 12 अगस्त को पड़ रहा है. ऐसे में व्रत के महत्व से लेकर खास बातें आपको बताने जा रहे हैं.
ये है पूजा का मुहूर्त
इस बार वरलक्ष्मी व्रत सावन मास की पूर्णिमा को पड़ रहा है. दो संयोग एक साथ बनने से इस बार वरलक्ष्मी व्रत का संयोग भी बढ़ गया है. इस दिन सुबह 11 बजकर 34 मिनट तक सौभाग्य योग है और उसके बाद शोभन योग शुरू हो जाएगा. पूजा के हिसाब से शुभ समय सुबह 6 बजकर 14 मिनट से 8 बजकर 32 मिटन तक है. इसके बाद दोपहर में 1 बजकर 7 मिनट से 3 बजकर 26 मिनट तक और शाम 7 बजकर 12 मिनट से रात 8 बजकर 40 मिनट तक है. .
लंबे समय तक मिलता है पुण्य
वरलक्ष्मी व्रत को तो वैसे अधिकतर पूरे भारत में मनाया जाता है, लेकिन दक्षिण भारत में इसकी विशेष मान्यता है. इस व्रत को केवल शादीशुदा लोग ही रख सकते हैं. इस व्रत को अष्टलक्ष्मी की पूजा के समान पुण्यदायी माना गया है. इस व्रत को रखने से गरीबी दूर हो जाती है और परिवार में सौभाग्य, सुख और संतान सबकुछ प्राप्त होता है. इस व्रत का पुण्य लंबे समय तक बना रहता है और इसका लाभ आने वाली पीढ़ियों को भी मिलता है.