जनता से रिश्ता वेबडेस्क। Nirjala Ekadashi 2022 Date: यूं तो प्रत्येक मास में दो बार एकादशी पड़ती है, एक शुक्ल पक्ष में और दूसरी कृष्ण पक्ष में किंतु ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी 'निर्जला एकादशी ' कहलाती है. इस एकादशी का विशेष महत्व है. अन्य महीनों की एकादशी को फलाहार किया जाता है परंतु इस एकादशी को फल तो दूर की बात है, जल भी ग्रहण नहीं किया जाता है. यह एकादशी ग्रीष्म ऋतु में बड़े कष्ट और तपस्या से की जाती है. अतः अन्य एकादशियों से इसका महत्व सर्वोपरि है. इस एकादशी को करने से आयु और आरोग्य की वृद्धि तथा उत्तम लोकों की प्राप्ति होती है. इस साल यह 10 जून को पड़ रही है. महाभारत के अनुसार अधिमास सहित एक वर्ष की छब्बीसो एकादशियां न की जा सकें तो केवल निर्जला एकादशी का ही व्रत कर लेने से पूरा फल प्राप्त हो जाता है .