कोरोना महामारी के दौरान ऐसे करे कन्या पूजा...जाने शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

नवरात्रि के दौरान कन्या पूजन का बड़ा महत्व है। नौ कन्याओं को नौ देवियों के प्रतिविंब के रूप में पूजने के बाद ही भक्तों का नवरात्र व्रत पूरा होता है।

Update: 2022-06-14 05:00 GMT

नवरात्रि के दौरान कन्या पूजन का बड़ा महत्व है। नौ कन्याओं को नौ देवियों के प्रतिविंब के रूप में पूजने के बाद ही भक्तों का नवरात्र व्रत पूरा होता है। अपने सामर्थ्य के अनुसार उन्हें भोग लगाकर दक्षिणा देने मात्र से ही मां दुर्गा प्रसन्न हो जाती हैं और भक्तों को उनका मनचाहा वरदान देती हैं। कन्या पूजन अष्टमी और नवमी के दिन करना शुभ माना जाता है।

कोरोना काल में कन्या पूजन
कन्या भोज में कम से कम सात कन्या और एक लंगूर (बालक) को भोजन कराना चाहिए। लेकिन कोरोना काल के बीच बच्चों का बाहर निकलना सुरक्षित नहीं हैं। ऐसे में आप चाहे एक कन्या को भी भोज करा सकते हैं। इससे भी आपको लाभ मिलेगा। अगर आपके घर पर एक ही कन्या नहीं है तो ऐसे में मां दुर्गा को भोग लगा सकते हैं। भोग में ऐसी चीजों का इस्तेमाल करे जो लंबे समय तक चले। जिससे आप अपने अनुसार किसी कन्या को भेट दें
कन्या पूजन शुभ मुहूर्त
20 अप्रैल 2021 रात्रि 12 बजकर 2 मिनट के बाद से अष्टमी तिथि शुरू हो जाएगी। जोकि 20 अप्रैल को पूरे दिन रहेगी और 21 अप्रैल रात्रि 12 बजकर 43 मिनट तक रहेगी। इसके बाद नवमी तिथि का शुरू हो जाएगी। जो 22 अप्रैल 2021 मध्यरात्रि 12 बजकर 35 मिनट तक रहेगी।
कन्या पूजन विधि
जिन कन्याओ को भोज पर खाने के लिए बुलाना है , उन्हें एक दिन पहले ही न्यौता दे दे। गृह प्रवेश पर कन्याओ का पूरे परिवार के सदस्य फूल वर्षा से स्वागत करे और नव दुर्गा के सभी नौ नामों के जयकारे लगाए। अब इन कन्याओं को आरामदायक और स्वच्छ जगह बिठाकर इन सभी के पैरों को बारी- बारी दूध से भरे थाल या थाली में रखकर अपने हाथों से उनके पैर धोने चाहिए और पैर छूकर आशीष लेना चाहिए। अब उन्‍हें रोली, कुमकुम और अक्षत का टीका लगाएं। इसके बाद उनके हाथ में मौली बांधें। अब सभी कन्‍याओं और बालक को घी का दीपक दिखाकर उनकी आरती करें। आरती के बाद सभी कन्‍याओं को भोग लगाएं। भोजन के बाद कन्‍याओं को भेंट और उपहार दें।


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