नौकरी-रोजगार में जबरदस्त उन्नति दिलाता है ये रत्न, मन को रखता है शांत
इस रत्न का प्रभाव भी लहसुनिया की तरह ही होता है. आइए जानते हैं गोदंती रत्न के बारे में.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। रत्न शास्त्र में 84 प्रकार के रत्नों का उल्लेख किया गया है. हालांकि उनमें से बहुत अब मिलते नहीं हैं. मुख्यतौर पर अब 9 रत्न ही प्रचलन में हैं. इन 9 रत्नों को कई उपरत्न भी हैं. गोदंदी भी लहसुनिया का उपरत्न है. इस रत्न का प्रभाव भी लहसुनिया की तरह ही होता है. आइए जानते हैं गोदंती रत्न के बारे में.
गोदंती रत्न के फायदे (Godanti Gemstone Benefits)
रत्न शास्त्र में गोदंती को चंद्रमा का रत्न माना गया है और उसकी राशि कर्क है. इस रत्न को चंद्रमणि के नाम से भी जाना जाता है. इस रत्न को धारण करने से कुंडली के चंद्र दोष दूर होते हैं. साथ ही गोदंती लहसुनिया का उपरत्न है. इसका फायदा लहसुनिया की तरह ही होता है. इस रत्न को धारण करने से मन शांत रहता है और मानसिक तनाव कम होता है. इसके अलावा इसे धारण करने से जीवन में सकारात्मकता बनी रहती है. करियर और व्यापार के लिए भी यह रत्न फायदेमंद साबित होता है. साथ ही नए नौकरी-रोजगार में नए अवसर मिलते हैं. केवल इतना ही नहीं, इस रत्न को धारण करने से भाग्य चमक सकता है. साथ ही जीवन में सफलता के नए रास्ते खुलते हैं.
कब और कैसे धारण करें गोदंती रत्न? (Godanti Gemstone Wearing Rules)
गोदंती चंद्रमा का रत्न है और चंद्रदेव सोमवार का दिन प्रिय है. ऐसे में इस रत्न को धारण करने के लिए सोमवार का चयन करना चाहिए. साथ ही इस रत्न को चांदी की धातु में सबसे छोटी उंगली में धारण करें. आप चाहें तो इसे सोना या पंच धातु में भी पहन सकते हैं. यह रत्न कम से कम 5 रत्ती का होना चाहिए. इसे धारण करने के लिए सोमवार की शाम पूजा स्थान पर साफ आसन पर बैठें. इसके बाद इस रत्न पर गंगाजल छिड़ककर ओम् चंद्राय नमः का 108 बार जाप करें. मंत्र जाप पूरा होने के बाद इसे अंगूठी या लॉकेट में धारण करें.