इस दिन है षटतिला एकादशी व्रत, जानिए शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

हिन्दू पंचांग के अनुसार माघ मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को षटतिला एकादशी के नाम से जाना जाता है। षटतिला एकादशी के दिन भगवान विष्णु की आराधना की जाती है।

Update: 2022-01-27 02:15 GMT

हिन्दू पंचांग के अनुसार माघ मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को षटतिला एकादशी के नाम से जाना जाता है। षटतिला एकादशी के दिन भगवान विष्णु की आराधना की जाती है। भगवान विष्णु को तिल का भोग लगाया जाता है। षटतिला एकादशी व्रत में तिल का छ: रूप में उपयोग करना उत्तम फलदाई माना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, षटतिला एकादशी के दिन तिल का दान करने से स्वर्ग की प्राप्ति होती है और जो जितना तिल दान करता है, उतने हजार वर्ष तक स्वर्ग में स्थान पाता है। षटतिला एकादशी पर तिल को पानी में डालकर स्नान करने और तिल का दान करने का भी विशेष महत्व बताया गया है। आइए जानते हैं कि षटतिला एकादशी की तिथि, पूजा का मुहूर्त, और पारण का समय क्या है-

शास्त्रों के अनुसार हर एकादशी का अलग महत्व है। षट्तिला एकादशी के व्रत से घर में सुख-शांति के वास होता है। जो भी श्रद्धालु षट्तिला एकादशी का व्रत करते हैं उनको जीवन के सभी सुख प्राप्त होते हैं मान्यता है कि व्यक्ति को जितना पुण्य कन्यादान और हजारों सालों की तपस्या और स्वर्ण दान से मिलता है, उतना ही पुण्य षट्तिला एकादशी का व्रत रखने से भी प्राप्त होता है। अपने नाम के अनुरूप यह व्रत तिल से जुड़ा हुआ है। तिल का महत्व तो सर्वव्यापक है और हिन्दू धर्म में तिल बहुत पवित्र माने जाते हैं। विशेषकर पूजा में इनका विशेष महत्व होता है। इस दिन तिल का 6 प्रकार से उपयोग किया जाता है।


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