इस दिन है रक्षाबंधन, जानिए शुभ मुहूर्त और महत्व

हिंदू पंचांग के अुसार, श्रावण मास की पूर्णिमा तिथि को रक्षाबंधन का पर्व मनाया जाता है। इस दिन बहने अपने प्यारे से भाईयों की कलाई में राखी बांधकर रक्षा का वचन लेती हैं।

Update: 2022-05-31 05:20 GMT

हिंदू पंचांग के अुसार, श्रावण मास की पूर्णिमा तिथि को रक्षाबंधन का पर्व मनाया जाता है। इस दिन बहने अपने प्यारे से भाईयों की कलाई में राखी बांधकर रक्षा का वचन लेती हैं। इस दिन बहने अपने भाइयों की कलाई पर राखी बांधती हैं और उनके सुखी एवं दीर्घायु जीवन की कामना करती हैं। वहीं भाई बहनों को उपहार के साथ जीवन भर उनकी रक्षा का वचन देते हैं। यह त्योहार भाई-बहन के अटूट प्यार और रिश्ते का प्रतीक माना जाता है। धार्मिक मान्यताओं की बात करें, तो यमुना ने अपने भाई यमराज के कलाई में रक्षासूत्र बांधा था जिसके बाद उन्हें यमराज ने अमरता का वरदान दिया था। जानिए साल 2022 में कब है रक्षाबंधन, साथ ही जानिए इसका महत्व।

रक्षाबंधन 2022 की तिथि और शुभ मुहूर्त

रक्षाबंधन की तिथि- 11 अगस्त 2022, गुरुवार

पूर्णिमा तिथि प्रारंभ - 11 अगस्त की सुबह 10 बजकर 38 मिनट से शुरू

पूर्णिमा तिथि समाप्त - 12 अगस्त सुबह 7 बजकर 5 मिनट तक

शुभ समय - 11 अगस्त को सुबह 9 बजकर 28 मिनट से रात 9 बजकर 14 मिनट

अभिजीत मुहूर्त - दोपहर 12 बजकर 6 मिनच से 12 बजकर 57 मिनट तक

अमृत काल - शाम 6 बजकर 55 मिनट से रात 8 बजकर 20 मिनट तक

ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 04 बजकर 29 मिनट से 5 बजकर 17 मिनट तक

राहुकाल- दोपहर 2 बजकर 8 मिनट से 3 बजकर 45 मिनट तक

रक्षाबंधन का धार्मिक महत्व

पौराणिक कथा के अनुसार, जब भगवान विष्णु ने राजा बलि को वचन देकर पाताल चले गए थे। तब मां लक्ष्मी से राजा बलि को धागा बांधकर भगवान विष्णु को मांगा था। जिस दिन यह हुआ उस दिन श्रावण मास की पूर्णिमा तिथि थी। इसी कराण इस दिन से बहनों द्वारा भाी को राखी बांधने की परंपरा शुरू हो गई।

राखी बांधने का मंत्र

रक्षाबंधन के दिन बहने अपने भाईयों को राखी बांधते समय इन मंत्र को बोले।

येन बद्धो बली राजा दानवेन्द्रो महाबल:।

तेन त्वामनुबध्नाभि रक्षे मा चल मा चल।।


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