इस दिन है मोहिनी एकादशी, जाने शुभ मुहूर्त और महत्व
हिंदू पंचांग के अनुसार हर मास दो एकादशी पड़ती है पहली कृष्ण पक्ष में और दूसरी शुक्ल पक्ष में। हर एक एकादशी का अपना एक महत्व है। माना जाता है कि एकादशी का व्रत रखने से हर तरह के कष्टों से छुटकारा मिल जाता है।
हिंदू पंचांग के अनुसार हर मास दो एकादशी पड़ती है पहली कृष्ण पक्ष में और दूसरी शुक्ल पक्ष में। हर एक एकादशी का अपना एक महत्व है। माना जाता है कि एकादशी का व्रत रखने से हर तरह के कष्टों से छुटकारा मिल जाता है। वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को मोहिनी एकादशी के रूप में माना जाता है। इस बार मोहिनी एकादशी काफी खास है क्योंकि यह गुरुवार के दिन पड़ रही है। क्योंकि एकादशी और गुरुवार दोनों ही भगवान विष्णु को समर्पित है। इस दिन भगवान विष्णु के मोहिनी रूप की पूजा-अर्चना की जाती है। जानिए मोहिनी एकादशी की तिथि, शुभ मुहूर्त और महत्व।
मोहिनी एकादशी शुभ मुहूर्त
तिथि- 12 मई को उदया तिथि होने के कारण मोहिनी एकादशी इसी दिन मनाई जाएगी।
मोहिनी एकादशी तिथि प्रारंभ: 11 मई 2022 को शाम 7 बजकर 31 मिनट से
मोहिनी एकादशी तिथि समाप्त: 12 मई 2022 को शाम 6 बजकर 51 मिनट तक।
मोहिनी एकादशी व्रत पारण का समय: 13 मई को प्रातः 7 बजकर 59 मिनट तक
मोहिनी एकादशी का महत्व
पौराणिक कथाओं के अनुसार, मोहिनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु ने मोहिनी का अवतार रख था और देवताओं को अमृत का पान कराया था। माना जाता है कि इस दिन व्रत रखने से हर तरह की परेशानी से निजात मिल जाती है। इस तिथि के दिन भगवान विष्णु की पूजा करने के दौरान अपनी सभी कामनाओं के उनके सामने कहें। इससे वह जल्द ही पूरी हो जाती है।
भगवान विष्णु ने क्यों रखा था मोहिनी का अवतार
भगवान विष्णु ने संसार से अधर्म मिटाने के लिए कई अवतार लिए। इन्हीं अवतारों में से एक है मोहिनी का अवतार। मान्यताओं के अनुसार, समुद्र मंथन के दौरान अमृत कलश निकला था। इस कलश को लेकर देवताओं और राक्षसों के बीच युद्ध होने लगा कि इस अमृत का पान कौन करेगा। ऐसे में सभी देवताओं ने भगवान विष्णु से सहायता मांगी। ऐसे में भगवान विष्णु ने सुंदर स्त्री मोहिनी का अवतार लेकर राक्षसों को भटकाया। मोहिनी के अवतार में उन्होंने सिर्फ अमृत का पान देवताओं को कराया। कहा जाता है कि जिस दिन भगवान विष्णु ने मोहिनी का अवतार लिया था, तो इस दिन वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि थी।