इस दिन है कृष्ण जन्माष्टमी, जानें शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

हिंदू पंचांग के अनुसार, भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि के साथ रोहिणी नक्षत्र में भगवान श्रीकृष्ण का जन्म हुआ था। इस साल जन्माष्टमी का महापर्व 18 अगस्त दिन गुरुवार को पड़ रहा है।

Update: 2022-06-18 04:44 GMT

 हिंदू पंचांग के अनुसार, भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि के साथ रोहिणी नक्षत्र में भगवान श्रीकृष्ण का जन्म हुआ था। इस साल जन्माष्टमी का महापर्व 18 अगस्त दिन गुरुवार को पड़ रहा है। जन्माष्टमी के दिन वृद्धि योग भी बन रहा है। ये योग काफी शुभकारी माना जा रहा है। यह पर्व बहुत ही धूमधाम के साथ मनाया जाता है। इस दिन श्री कृष्ण के बाल रूप की पूजा विधिवत तरीके से की जाती है। जानिए जन्माष्टमी की तिथि, शुभ मुहूर्त और महत्व।

जन्माष्टमी तिथि और शुभ मुहूर्त

तिथि- 18 अगस्त 2022, गुरुवार

अष्टमी तिथि प्रारंभ- 18 अगस्त शाम 9 बजकर 21 मिनट से शुरू

अष्टमी तिथि समाप्त- 19 अगस्त रात 10 बजकर 59 मिनट तक

अभिजीत मुहूर्त - 18 अगस्त को दोपहर 12 बजकर 05 मिनट से 12 बजकर 56 मिनट तक।

वृद्धि योग - 17 अगस्त दोपहर 8 बजकर 56 मिनट से 18 अगस्त रात 08 बजकर 41 मिनट तक

ध्रुव योग - 18 अगस्त रात 8 बजकर 41 मिनट से 19 अगस्त रात 8 बजकर 59 मिनट तक

भरणी नक्षत्र - 17 अगस्त रात 09 बजकर 57 मिनट से 18 अगस्त रात 11 बजकर 35 मिनट तक

राहुकाल - 18 अगस्त दोपहर 2 बजकर 06 मिनट से 3 बजकर 42 मिनट तक

निशिथ पूजा मुहूर्त – रात्रि 12 बजकर 20 मिनट से 01:05 तक रहेगा

पारण का शुभ मुहूर्त– 19 अगस्त को रात 10 बजकर 59 मिनट के बाद

जन्माष्टमी पूजा विधि

जन्माष्टमी के दिन विधि विधान से रात को 12 बजे भगवान कृष्ण का जन्मोत्सव मनाया जाता है। इस दिन भगवान कृष्ण को दूध-गंगाजल से स्नान कराने के साथ उन्हें खूबसूरत वस्त्र पहनाएं। इसके बाद उन्हें मोरपंख के साथ मुकुट, बांसुरी, चंदन, वैजयंती माला, तुलसी दल आदि से उनको सुसज्जित करें। इसके बाद फूल, माला, फल, माखन, मिश्री, मिठाई, मेवे आदि का भोग लगाएं। इसके बाद धूप- दीप जलाएं। अंत में बाल श्रीकृष्ण की आरती कर लें और प्रसाद सभी को बांट दें। इसके साथ ही भूल चूक के लिए माफी मांग लें।


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