इस दिन है इंदिरा एकादशी, जाने शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

सितंबर माह का नया सप्ताह 19 सितंबर 2022, सोमवार के साथ शुरू हो चुका है। ये सप्ताह 25 सितंबर , रविवार तक होगा। इस सप्ताह काफी व्रत त्योहार पड़ रहे हैं। इस सप्ताह की शुरुआत पितृपक्ष की नवमी तिथि यानी मातृ नवमी के साथ हो गई है। इसके अलावा इस सप्ताह शुक्र प्रदोष व्रत, इंदिरा एकादशी, मासिक शिवरात्रि जैसे व्रत पड़ रहे हैं।

Update: 2022-09-19 05:49 GMT

सितंबर माह का नया सप्ताह 19 सितंबर 2022, सोमवार के साथ शुरू हो चुका है। ये सप्ताह 25 सितंबर , रविवार तक होगा। इस सप्ताह काफी व्रत त्योहार पड़ रहे हैं। इस सप्ताह की शुरुआत पितृपक्ष की नवमी तिथि यानी मातृ नवमी के साथ हो गई है। इसके अलावा इस सप्ताह शुक्र प्रदोष व्रत, इंदिरा एकादशी, मासिक शिवरात्रि जैसे व्रत पड़ रहे हैं। इसके साथ ही इस सप्ताह में पितृपक्ष की नवमी तिथि से लेकर चतुर्दशी तिथि तक के श्राद्ध किए जाएंगे। जानिए इस सप्ताह पड़ने वाले सभी व्रत त्योहारों के बारे में।

साप्ताहिक व्रत त्योहार

19 सितंबर, सोमवार- मातृ नवमी श्राद्ध

पितृपक्ष की नवमी तिथि को मातृ नवमी कहा जाता है। क्योंकि इस दिन मां, बहू, बेटी, दादी, नानी सभी माता पितरों का श्राद्ध किया जाता है। इसे सौभाग्यवती श्राद्ध भी कहा जाता है। इस दिन ब्राह्मण महिलाों को भोजन करना के साथ सोलह श्रृंगार भेंट में देने से पितरों का आशीर्वाद मिलता है। इसके साथ ही सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है।

21 सितंबर, बुधवार- इंदिरा एकादशी व्रत

पंचांग के अनुसार, आश्विन माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को इंदिरा एकादशी का व्रत रखा जाता है। इस दिन भगवान विष्णु की विधिवत पूजा करने का विधान है। माना जाता है कि इंदिरा एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा करने और व्रत रखने से व्यक्ति को सभी पापों से मुक्ति मिल जाती है और मृत्यु के बाद मोक्ष की प्राप्ति होती है।

23 सितंबर,शुक्रवार- शुक्र प्रदोष व्रत

आश्विन माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को भगवान शिव को समर्पित प्रदोष व्रत रखा जाता है। इस दिन शुक्रवार पड़ने के कारण इसे शुक्र प्रदोष व्रत कहा जाएगा। इस दिन भगवान शिव के साथ माता पार्वती की पूजा करने से सुख समृद्धि की प्राप्ति होती है। इसके साथ ही हर काम में सफलता प्राप्त होती है।

24 सितंबर,शनिवार- मासिक शिवरात्रि या आश्विन शिवरात्रि

पंचांग के अनुसार, आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मासिक शिवरात्रि का व्रत रखा जाता है। ये व्रत भी भगवान शिव को समर्पित है। इस दिन शिव जी के साथ माता पार्वती की पूजा करने से हर दुख से छुटकारा मिलता है।

25 सितंबर,रविवार- सर्वपितृ अमावस्या

अश्विनी कृष्ण पक्ष के अमावस्या के दिन सर्वपितृ अमावस्या पड़ती है जिसे महालय अमावस्या के नाम से भी जाना जाता है। यह तिथि पिंडदान, श्राद्ध, और तर्पण का अंतिम दिन होता है। जिसके बाद पित्रपक्ष समाप्त हो जाता है। मान्यता है कि महालय अमावस्या के दिन पितरों को विशेष विदाई देने से और पूजा-पाठ करने से विशेष लाभ प्राप्त होता है।

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