इस दिन है चैत्र पूर्णिमा, जानिए शुभ मुहूर्त और पूजा विधि
हिंदू पंचांग के अनुसार, प्रत्येक माह की समाप्त होने के दिन पूर्णिमा मनाई जाती है। चैत्र माह की पूर्णिमा का काफी अधिक महत्व है। क्योंकि हिंदू कैलेंडर के अनुसार चैत्र माह में पड़ने वाली पूर्णिमा साल की पहली पूर्णिमा है।
हिंदू पंचांग के अनुसार, प्रत्येक माह की समाप्त होने के दिन पूर्णिमा मनाई जाती है। चैत्र माह की पूर्णिमा का काफी अधिक महत्व है। क्योंकि हिंदू कैलेंडर के अनुसार चैत्र माह में पड़ने वाली पूर्णिमा साल की पहली पूर्णिमा है। इतना ही नहीं इस दिन हनुमान जी का जन्मोत्सव भी मनाया जाता है। इस बार चैत्र पूर्णिमा 16 अप्रैल, शनिवार के दिन पड़ रही है। जानिए चैत्र पूर्णिमा की तिथि, शुभ मुहूर्त और पूजा विधि।
चैत्र पूर्णिमा 2022 की तिथि और मुहूर्त
चैत्र पूर्णिमा तिथि-16 अप्रैल 2022, शनिवार
पूर्णिमा तिथि प्रारंभ :16 अप्रैल, शनिवार तड़के 2 बजकर 25 मिनट से शुरू
पूर्णिमा तिथि समाप्त: 17 अप्रैल सुबह 12 बजकर 24 मिनट तक
चंद्रोदय का समय- 16 अप्रैल, शनिवार, शाम 06 बजकर 27 मिनट
मान्यता है कि जो व्यक्ति चैत्र माह में पड़ने वाली पूर्णिमा के दिन भगवान विष्णु के साथ मां लक्ष्मी की पूजा करता है। उसके हर बिगड़े हुए काम पूरे होने लगते हैं। इसके साथ ही यश-ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है। इसके साथ ही पूर्णिमा के दिन सत्यनारायण की कथा सुनने का भी कई गुना अधिक फल मिलता है। इसके अलावा पूर्णिमा के दिन स्नान-दान का भी महत्व है।
चैत्र पूर्णिमा के दिन होगी हनुमान जयंती
चैत्र मास की पूर्णिमा के दिन भगवान हनुमान का भी जन्म हुआ था। इसी कारण इस दिन को जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है। इस दिन हनुमान जी की पूजा विधि-विधान से करना शुभ होता है।
चैत्र पूर्णिमा की पूजा विधि
इस दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर सभी कामों ने निवृत्त होकर स्नान आदि कर लें और भगवान विष्णु का स्मरण करते हुए व्रत का संकल्प लें। इसके बाद श्री हरि के साथ माता लक्ष्मी की विधि-विधान के साथ पूजा करें। इसके साथ ही इस दिन कनकधारा स्तोत्र का भी पाठ करना चाहिए। अंत में आरती करते भूल चूक के लिए माफी मांग लें।
पूर्णिमा के दिन शाम के समय चंद्र देव के निकलने के बाद जल अर्पित करने के साथ पुष्प, माला, सिंदूर, अक्षत आदि अर्पित करने के साथ जल चढ़ाएं। इसके बाद ब्राह्मण या फिर किसी जरूरतमंद को अपनी योग्यता के अनुसार दान जरूर दें।