शनिदेव की ये आरती बिगड़े काम बना देती है

शनिवार का दिन शनिदेव को समर्पित माना गया है. शनिदेव न्याय के देवता हैं, जो अगर किसी से कुपित हों तो व्यक्ति का जीवन नर्क बना देते हैं. शनि से जुड़े कष्टों से बचने के लिए शनिदेव की आराधना और उनकी आरती करनी चाहिए. यहां जानिए इसके बारे में.

Update: 2022-02-19 03:04 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क।कहा जाता है कि किसी की कुंडली में अगर शनि दोष (Shani Dosha) लग जाए, तो उसके जीवन में उथल पुथल मच जाती है. शनि को शास्त्रों में न्याय का देवता कहा गया है. शनि व्यक्ति को उसके कर्मों के हिसाब से फल देते हैं. यदि आपके कर्म शुभ होंगे तो शनिदेव के कर्मफल कभी आपके लिए अशुभ नहीं होंगे. लेकिन अगर आपके कर्म बुरे हैं तो शनि साढ़ेसाती (Shani Sade Sati), शनि ढैय्या (Shani Dhaiya) या शनि महादशा (Shani Mahadasha) के दौरान आपको वो परेशानियां झेलनी पड़ सकती हैं, ​जो आपके लिए जीना भी दूभर कर सकती हैं. शनि संबन्धी किसी भी तरह के कष्टों से मुक्ति के लिए हर शनिवार को शनिदेव की पूजा जरूर करनी चाहिए. साथ ही वो काम करने चाहिए जो शनिदेव को प्रसन्न करें. शनिदेव की पूजा के दौरान शनि मंत्रों का जाप करें और शनि चालीसा पढ़ें. इसके अलावा शनिदेव की आरती जरूर करें. शनिदेव की आरती काफी प्रभावशाली मानी जाती है. कहा जाता है कि इसे करने से बिगड़े काम भी बन जाते हैं.

ये है शनिदेव की आरती
जय जय श्री शनिदेव भक्तन हितकारी सूर्य पुत्र प्रभु छाया महतारी जय जय श्री शनिदेव भक्तन हितकारी
श्याम अंग वक्र-दृ‍ष्टि चतुर्भुजा धारी नीलाम्बर धार नाथ गज की असवारी
क्रीट मुकुट शीश राजित दिपत है लिलारी मुक्तन की माला गले शोभित बलिहारी
मोदक मिष्ठान पान चढ़त है सुपारी लोहा तिल तेल उड़द महिषी अति प्यारी
देव दनुज ऋषि मुनि सुमिरत नर नारी विश्वनाथ धरत ध्यान शरण हैं तुम्हारी जय जय श्री शनि देव भक्तन हितकारी
शनिवार का व्रत रखते हैं तो करें ये आरती
आरती कीजै नरसिंह कुंवर की वेद विमल यश गाऊं मेरे प्रभुजी
पहली आरती प्रहलाद उबारे हिरणाकुश नख उदर विदारे
दूसरी आरती वामन सेवा बलि के द्वार पधारे हरि देवा
तीसरी आरती ब्रह्म पधारे सहसबाहु के भुजा उखारे
चौथी आरती असुर संहारे भक्त विभीषण लंक पधारे
पांचवीं आरती कंस पछारे गोपी ग्वाल सखा प्रतिपाले
तुलसी को पत्र कंठ मणि हीरा हरषि-निरखि गावें दास कबीरा
इन कामों से भी शनि होते प्रसन्न
– हर शनिवार हनुमान जी का पूजन करने से शनिदेव की कृपा प्राप्त होती है.
– शनिवार के दिन पीपल के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाने से शनि से संबन्धित कष्ट दूर होते हैं.
– महादेव को शनि अपना गुरु मानते हैं और श्रीकृष्ण को आराध्य मानते हैं. शनिवार के दिन महादेव और श्रीकृष्ण की पूजा करने से भी शनि प्रसन्न होते हैं. महामृत्युंजय मंत्र शनि के प्रभावों को दूर करने में काफी उपयोगी है.
– काले कुत्ते या किसी भी कुत्ते को शनिवार के दिन सरसों का तेल लगी रोटी खिलाने से शनि की कृपा मिलती है.
– जरूरतमंदों की सेवा करने, शनिवार के दिन काले तिल, सरसों का तेल, काले वस्त्र आदि दान करने से भी शनि से जुड़ी समस्याएं दूर होती हैं.
–शनिवार के दिन शनि मंत्रों का जाप भी शनिदेव के प्रकोप से बचाता है और उनकी कृपा का पात्र बनाता है. ये हैं शनि मंत्र –
1. ॐ भगभवाय विद्महैं मृत्युरुपाय धीमहि तन्नो शनिः प्रचोदयात
2. ॐ निलान्जन समाभासं रविपुत्रं यमाग्रजम


Tags:    

Similar News

-->