अपमान करने से पहले सोचें कई बार, कभी भी पहुंचा सकता है बड़ा नुकसान
व्यक्ति को 100 बार सोचना चाहिए क्योंकि इसे करने की कीमत उसे पूरी जिंदगी चुकानी पड़ सकती है
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। सफल और खुशहाल जिंदगी के लिए आचार्य चाणक्य ने कई बातें बताई हैं. ये बातें यदि जिंदगी में उतार ली जाएं तो ना केवल कई मुश्किलें अपने आप खत्म हो जाएंगे बल्कि व्यक्ति जिंदगी का असल आनंद भी उठा पाएगा. चाणक्य नीति में कुछ कामों को लेकर आगाह भी किया गया है, जिन्हें करने से जिंदगी में बड़ी मुसीबतें झेलनी पड़ सकती हैं. आज एक ऐसे ही काम के बारे में जानते हैं जिसे करने से पहले व्यक्ति को 100 बार सोचना चाहिए क्योंकि इसे करने की कीमत उसे पूरी जिंदगी चुकानी पड़ सकती है.
तारीफ सैकड़ों बार करें लेकिन...
आचार्य चाणक्य कहते हैं कि किसी भी व्यक्ति के अच्छे कामों की तारीफ करना अच्छी बात है. ऐसा करना आपके बड़े दिल वाले व्यक्ति होने की निशानी है, साथ ही यह उस व्यक्ति को भी अच्छे काम करने के लिए प्रोत्साहित करता है. इससे उस व्यक्ति के मन में आपके लिए सम्मान पैदा होता है. लेकिन इसके विपरीत किसी का अपमान करना आपकी जिंदगी पर भारी पड़ सकता है इसलिए किसी का अपमान करने से पहले 100 बार सोच लें.
जहर की तरह होता है अपमान
आचार्य चाणक्य कहते हैं कि अपमान का घूंट बेहद कड़वा होता है. यह जहर की तरह होता है और अपमानित व्यक्ति हमेशा इसको अपने अंदर महसूस करता रहता है. उसके अंदर बदला लेने की आग हमेशा सुलगती रहती है. मौका मिलते ही वह अपमान करने वाले व्यक्ति का बड़े से बड़ा नुकसान करने से चूकता नहीं है. इसलिए कभी भी किसी का अपमान नहीं करना चाहिए. ऐसा कृत्य आपको न केवल बड़े संकट में डाल सकता है, बल्कि आपकी छवि को भी धूमिल करता है.