मुश्किल वक्त में बहुत काम आएंगी आचार्य चाणक्य की ये बातें
संकट से तुरंत निकलेंगे बाहर
Chanakya Niti: जीवन के किसी न किसी मोड़ पर अचानक से कोई ऐसी संकटकालीन परिस्थिति आ खड़ी होती है, जिससे पार पाने में इंसान खुद को असमर्थ पाता है। हालांकि कुछ लोग मुश्किल समय का धैर्य के साथ मुकाबला कर लेते हैं तो वहीं कुछ घबरा जाते हैं। मुश्किल समय में ज्यादातर लोगों का विवेक काम नहीं करता है।
इसी कारण व्यक्ति को जान-माल की हानि का सामना करना पड़ता है। ऐसे में यदि आपके सामने भी कोई परेशानी आ जाए तो आचार्य चाणक्य की पांच बातों को याद करना चाहिए। आचार्य चाणक्य की ये बातें कठिन समय में बेहद काम आती हैं। विपत्ति के समय व्यक्ति को क्या करना चाहिए और किन बातों को ध्यान में रखना चाहिए इस बारे में आचार्य चाणक्य ने विस्तार से बताया है। चलिए जानते हैं इसके बारे में...
चाणक्य नीति के अनुसार व्यक्ति को संकट से बाहर निकलने के लिए ठोस रणनीति की आवश्यकता होती है। जब व्यक्ति संकट के समय उससे बाहर निकलने की रणनीति बना लेता है तो वह चरणबद्ध तरीके से कार्य करता है और अंत में विजय पाता है।
आचार्य चाणक्य कहते हैं कि मुसीबत के समय सावधानी बरतना बहुत जरूरी होता है, क्योकि संकट काल में व्यक्ति के पास सीमित अवसर होते हैं और चुनौतियां बड़ी होती हैं। ऐसे में जरा सी चूक बड़ा नुकसान पहुंचा सकती है, इसलिए पहले से सावधान रहना बहुत ही जरूरी है।
चाणक्य नीति के अनुसार मनुष्य को विपरीत परिस्थितियों में भी सकारात्मक सोच रखनी चाहिए। परिस्थिति चाहे जैसी भी हो धैर्य न खोएं। अगर आप ऐसा करते हैं तो आधी लड़ाई आप बिना लड़े ही जीत जाएंगे।
चाणक्य नीति के अनुसार संकट के समय परिवार के प्रति जिम्मेदारी निभाना इंसान का पहला कर्तव्य होना चाहिए। परिवार के लोगों की सुरक्षा का विशेष ध्यान रखना चाहिए। संकट के समय अपने परिजनों का साथ निभाना चाहिए। अगर परिजनों के ऊपर किसी तरह की मुसीबत आ गई है तो आपको उस मुसीबत से निकालने में मदद करना चाहिए।
व्यक्ति को हमेशा धन की बचत करनी चाहिए। यदि आपके पास धन का प्रबंध ठीक है तो आप बड़े से बड़े संकट से निकलने में सफल हो सकते हैं। दरअसल संकट के समय सच्चा साथी धन ही होता है। जिस व्यक्ति के पास संकट के समय धन का अभाव होता है उसके लिए संकट से उबर पाना बड़ा ही कठिन हो जाता है।