लाइफस्टाइल: हमारे जीवन में लक्ष्यों का बहुत महत्व होता है। कुछ पूर्व निर्धारित लक्ष्यों के लिए ही हर व्यक्ति जीवन भर कड़ा संघर्ष करता है। व्यक्ति के लक्ष्य विभिन्न प्रेरणाओं से प्रेरित हो सकते हैं। लक्ष्य व्यक्तिगत पसंद, धन, वैभव, शिक्षा आदि से प्रेरणा प्राप्त कर सकते हैं। चाणक्य इन लक्ष्यों को प्राप्त करने और जीवन में सफ़ल होने के लिए कुछ सुझाव देते हैं। उनके अनुसार इन सुझावों के ज़रिये व्यक्ति अपनी हारी हुई बाजी या अपूर्ण लक्ष्यों को प्राप्त कर सकता है। जानते हैं इन सुझावों के बारे में विस्तार से - मेहनत से ही होते है सफ़ल बेहद प्रचलित पंक्ति के अनुसार ‘मेहनत करने वालों की भी हार नहीं होती।' चाणक्य भी मेहनत करने को सर्वोच्च मानते हैं। उनके अनुसार यदि मेहनत करने के बावजूद व्यक्ति असफल हो जाता है, फिर भी वह उन लोगों से बेहतर ही होता है जिन्होंने बिना किसी मेहनत के गलत या शॉर्टकट तरीकों से सफलता पाई हो। मेहनत हमें ना केवल अनुभव और सीख देती है बल्कि एक संतुष्टि का भी आभास कराती है। एक बार की हुई मेहनत किसी न किसी मौके पर काम ज़रूर आती है।
इसलिए आचार्य चाणक्य के अनुसार जीवन में सफलता पूर्वक अपने लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए मेहनत करना अनिवार्य होता है। बार बार करें प्रयास चाणक्य के अनुसार व्यक्ति को असफलता से निराश होकर प्रयास करना बंद नहीं करना चाहिए। मनुष्य एक बार असफल होने के बाद निराश हो जाता है, और मेहनत करना छोड़ देता है। उनका कहना है कि सच्ची सफलता निरन्तर प्रयास के बाद ही मिलती है। जैसे एक चींटी दीवार पर बार बार गिरने के बावजूद भी आगे बढ़ने की अपनी कोशिशें नहीं छोड़ती है, उसी तरह एक इंसान को भी अपने लक्ष्य तक पहुंचने के लिए प्रयास करते रहना चाहिए। लक्ष्यों और उनके प्रति प्रयासों से ही जीवन का अर्थ होता है चाणक्य के अनुसार व्यक्ति का जीवन लक्ष्यों और प्रयासों के बगैर व्यर्थ होता है। यदि व्यक्ति के जीवन में कोई लक्ष्य ही ना हो तो वह जीवन अस्त-व्यस्त, बिना अर्थ का दिखाई पड़ता है। उसी प्रकार यदि लक्ष्यों की प्राप्ति बिना मेहनत के गलत रास्तों से हो तो वह उन लक्ष्यों को प्राप्त करके भी पूर्ण रूप से सफ़ल नहीं होगा। इसलिए पूरे मन से निर्धारित किये हुए लक्ष्य और उनके प्रति की गई ईमानदार कोशिश से ही जीवन अर्थ से पूर्ण होता है।