शनि प्रदोष के दिन बन रहे ये खास संयोग बढ़ा रहे व्रत का महत्व

Update: 2022-10-20 06:02 GMT

हिंदू पंचांग के अनुसार, हर महीने दो प्रदोष व्रत रखे जाते हैं। एक शुक्ल पक्ष और दूसरा कृष्ण पक्ष में। प्रदोष व्रत भगवान शिव को समर्पित माना गया है। अक्टूबर महीने का दूसरा प्रदोष व्रत 22 अक्टूबर, शनिवार को है। मान्यता है कि शनि प्रदोष व्रत रखने से भगवान शंकर के साथ शनिदेव भी प्रसन्न होते हैं। कहा जाता है कि शनि प्रदोष व्रत पुत्र प्राप्ति की कामना के साथ भी किया जाता है। जानें इस दिन का महत्व व पूजन का शुभ मुहूर्त-

प्रदोष व्रत पर बन रहे कई शुभ संयोग-

प्रदोष व्रत के दिन ब्रह्म योग शाम 05 बजकर 13 मिनट तक रहेगा। इसके बाद इंद्र योग शुरू होगा। इसके साथ ही इस दिन त्रिपुष्कर योग 01:50 पी एम से 06:02 पी एम तक रहेगा। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, इन शुभ योग में किए गए कार्यों में सफलता हासिल होने की मान्यता है।

शनि प्रदोष व्रत 2022 तिथि-

हिंदू पंचांग के अनुसार, कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि 22 अक्टूबर 2022, शनिवार को शाम 06 बजकर 02 मिनट से शुरू हो रही है। इस तिथि का समापन अगले दिन 23 अक्टूबर, रविवार को शाम 06 बजकर 03 मिनट पर होगा। त्रयोदशी तिथि पर प्रदोष काल में शिव पूजन का विशेष महत्व है। ऐसे में शनि प्रदोष व्रत 22 अक्टूबर को रखा जाएगा।

शनि प्रदोष व्रत पूजन मुहूर्त-

22 अक्टूबर को शाम 06 बजकर 02 मिनट से रात 08 बजकर 17 मिनट के बीच भगवान शिव के पूजन का शुभ मुहूर्त रहेगा। पूजन की अवधि 2 घंटे 15 मिनट की है।


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