महिलाओं के नहाने से जुड़े हैं ये नियम, अवेहलना बनती हैं दरिद्रता का कारण

जुड़े हैं ये नियम, अवेहलना बनती हैं दरिद्रता का कारण

Update: 2023-10-01 06:20 GMT
शास्‍त्रों में हमारी दिनचर्या से जुड़े कई नियम बताए गए हैं जिनका अनुसरण किया जाए तो यह शुभ फलदायी साबित होते हैं। हिंदू धर्म में रोज सुबह स्‍नान करने का बहुत महत्‍व है और इससे जुड़े भी कुछ नियम बताए गए हैं, खासतौर से महिलाओं के लिए। जी हां, महिलाओं के नहाने से जुड़े इन नियमों का पालन किया जाए तो घर में हमेशा बरकत और सुख-शांति रहती है। आज हम आपको इन्ही नियमों के बारे में बताने जा रहे हैं जो नहाने के बाद किए जाने वाले काम से जुड़े हैं। इन नियमों की अवेहलना करना दरिद्रता का कारण बन सकता हैं। आइये जानते हैं इन नियमों के बारे में...
रसोई में जाने का नियम
शास्‍त्रों में बताया गया है कि महिलाओं को स्‍नान किए बिना रसोई में जाकर खाना नहीं पकाना चाहिए। भोजन को मां अन्‍नपूर्णा का प्रतीक माना जाता है, इसलिए स्‍नान किए बिना शरीर पवित्र नहीं होता। ऐसे में भोजन बनाना मां अन्‍नपूर्णा का अपमान माना जाता है। मां अन्‍नपूर्णा को मां लक्ष्‍मी का रूप माना गया है। ऐसा करने से मां लक्ष्‍मी नाराज हो जाती हैं, इसलिए महिलाओं को स्‍नान करके ही भोजन पकाना चाहिए।
पूजा करने का नियम
वराह पुराण के अनुसार बिना स्नान किए पूजन करने पर पूजा का फल नहीं मिलता है। इसके अलावा कोई भी चीज खाकर बिना आचमन किए पूजा करे या भोजन करके पूजा करे तो वह पूजा स्वीकार नहीं होती है।
भोजन का नियम
बिना स्‍नान किए महिलाओं को तो क्‍या किसी को भी भोजन नहीं करना चाहिए। इसकी वजह भी स्‍पष्‍ट है कि नहाने के बाद ही हमारा शरीर स्‍वच्‍छ होता है। बिना नहाए भोजन करने से कई दूषित पदार्थ भोजन के साथ हमारे पेट में जाकर हमें बीमार कर सकते हैं। इसलिए महिलाओं के साथ-साथ बाकी लोगों को भी स्‍नान करके ही भोजन करना चाहिए।
बालों में कंघी
शास्‍त्रों में बताया गया है कि महिलाओं को स्‍नान करने के पश्‍चात ही अपने बाल खोलने चाहिए और उनमें कंघी करनी चाहिए। ऐसा माना जाता है कि स्‍नान किए बिना महिलाओं के बोल खोलने से नकारात्‍मक शक्तियां आपके घर की तरफ आकर्षित होती हैं और आपके घर में दरिद्रता आने लगती है। इसलिए जब भी आप बालों में कंघी करें तो सदैव स्‍नान करने के बाद ही करें।
सिंदूर लगाने का नियम
शादीशुदा महिलाएं नहाने के बाद साज श्रृंगार करती हैं। काजल, चूड़ी, बिंदी और सिंदूर लगाती हैं। जोकि हर सुहागिन महिलाओं को करना चाहिए। लेकिन इस बात का ध्यान रखें कि गीले बालों में सिंदूर नहीं लगाए। वास्तु के अनुसार गीले बालों में सिंदूर लगाने से बचना चाहिए। ऐसा करने से घर की सुख-शांति चली जाती है और मन में कई तरह के बुरे विचार आते हैं। इसलिए अगर आपने बाल धुले हैं तो पहले उसे सुखा लें या पानी को अच्छे से पोंछ ले। इसके बाद ही सिंदूर से मांग भरे।
तुलसी में जल
शास्‍त्रों में बताया गया है कि महिलाओं को स्‍नान किए बिना तुलसी को जल नहीं देना चाहिए। दरअसल तुलसी को लक्ष्‍मी स्‍वरूपा माना गया है और बिना स्‍नान के तुलसी में जल देने या फिर तुलसी का पत्‍ता तोड़ना मां लक्ष्‍मी का अपमान माना गया है। इसलिए तुलसी में सदैव स्‍नान करने के बाद ही जल दें। ऐसा करने से मां लक्ष्‍मी आपके घर में वास करती हैं। कुंवारी कन्‍याओं को सदैव सिर ढककर ही तुलसी के पौधे में जल देना चाहिए।
धन को छूना
अक्‍सर देखने में आता है कि महिलाएं बिना स्‍नान किए नोट गिनने लगते हैं। शास्‍त्रों में इसे गलत माना गया है। दरअसल धन को भी मां लक्ष्‍मी का ही रूप माना गया है और स्‍नान किए बिना धन छूना मां लक्ष्‍मी को अप्रसन्‍न करने के समान है। जो महिलाएं ऐसा करती मां लक्ष्‍मी उनसे कभी प्रसन्‍न होती हैं और उन्‍हें दरिद्र बना देती हैं।
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