गोवर्धन पूजा में गाई जाने वाली ये प्रमुख आरतियां आपको देगा पूजा का पूरा फल
ये प्रमुख आरतियां आपको देगा पूजा का पूरा फल
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। हिंदू धर्म में दिवाली पर्व को प्रमुख माना गया है जो पूरे पांच दिनों तक चलता है जिसका आरंभ धनतेरस से हो जाता है और इसका समापन भाई दूज पर किया जाता है इस बीच में कई सारे पर्व त्योहार पड़ते हैं जिसमें गोवर्धन पूजा भी विशेष मानी जाती है यह पूजा दिवाली के अगले दिन होती है
कल यानी 24 अक्टूबर को देशभर में दिवाली का त्योहार धूमधाम के साथ मनाया गया है लेकिन आज यानी 25 अक्टूबर को गोवर्धन पूजा नहीं की जा रही है क्योंकि दिवाली के अगले दिन सूर्य ग्रहण लगा है जिसकी वजह से इस बार गोवर्धन पूजा 26 अक्टूबर को करना उत्तम रहेगा।
ज्योतिष अनुसार 27 सालों बाद ऐसा हो रहा है जब दिवाली के अगले दिन गोवर्धन पूजा नहीं किया जाएगा इस बार गोवर्धन पूजा 26 अक्टूबर को होगी ऐसे में अगर आप भी गोवर्धन पूजन का पूर्ण फल प्राप्त करना चाहते हैं तो गोवर्धन पूजन के समय आप गोवर्धन पर्वत की विधिवत पूजा करें और इसके बाद श्री गोवर्धन महाराज की आरती जरूर पढ़ें धार्मिक मान्यताओं के अनुसार किसी भी देवी देवता की पूजा तब तक पूर्ण नहीं मानी जाती है जब तक की उनकी आरती ना पढ़ी जाए तो आज हम आपके लिए लेकर आए है संपूर्ण आरती पाठ, तो आइए जानते हैं।
श्री गोवर्धन महाराज की आरती—
श्री गोवर्धन महाराज, ओ महाराज,
तेरे माथे मुकुट विराज रहेओ।
॥ श्री गोवर्धन महाराज...॥
तोपे* पान चढ़े, तोपे फूल चढ़े,
तोपे चढ़े दूध की धार।
॥ श्री गोवर्धन महाराज...॥
तेरे गले में कंठा साज रेहेओ,
ठोड़ी पे हीरा लाल।
॥ श्री गोवर्धन महाराज...॥
तेरे कानन कुंडल चमक रहेओ,
तेरी झांकी बनी विशाल।
॥ श्री गोवर्धन महाराज...॥
तेरी सात कोस की परिकम्मा,
चकलेश्वर है विश्राम।
श्री गोवर्धन महाराज, ओ महाराज,
तेरे माथे मुकुट विराज रहेओ।
गिरिराज धारण प्रभु तेरी शरण।