बीमारीयां को सही कर देंगे भगवान विष्णु, शिव के ये 3 मंत्र, इस तरह करें प्रयोग
प्राचीन भारतीय शास्त्रों एवं पुराणों में ऐसे कई मंत्र बताए गए हैं
जनता से रिश्ता वेबडेस्क | प्राचीन भारतीय शास्त्रों एवं पुराणों में ऐसे कई मंत्र बताए गए हैं जो असंभव को भी संभव कर सकते हैं। इन मंत्रों के बारे में सभी को पता नहीं है और अधिकतर लोग इन मंत्रों का उपयोग भी नहीं जानते हैं। परन्तु इन मंत्रों को यदि विधिवत तरीके से उपयोग किया जाए तो निश्चित रूप से सभी बीमारियों को हराया जा सकता है। जानिए ऐसे ही कुछ मंत्रों एवं उन्हें प्रयोग करने के तरीके के बारे में
इन मंत्रों के प्रयोग से दूर हो सकती है सभी बीमारियां
समस्त बीमारियों से रक्षा के लिए
त्रिदेवों में भगवान नारायण को रक्षा करने वाला तथा सृष्टि का संचालन करने वाला माना गया है। जो भी उनकी शरण में जाता है, उसे किसी भी प्रकार का कष्ट नहीं होता है। ज्योतिषाचार्य पंड़ित रामदास के अनुसार उनके महामंत्र "ॐ भूरिदा भूरि देहिनो, मा दभ्रं भूर्या भर।भूरिरेदिन्द्र दित्ससि। ॐ भूरिदा त्यसि श्रुत: पुरूत्रा शूर वृत्रहन्। आ नो भजस्व राधसि" का जप करने से व्यक्ति समस्त कष्टों से मुक्त हो सकता है। इस मंत्र का प्रयोग किसी विद्वान के मार्गदर्शन में ही करना चाहिए।
भगवान विष्णु के इन 3 नामों से दूर होगी हर बीमारी
श्रीमद्भागवत पुराण में कहा गया है कि भगवान विष्णु के 3 नाम बहुत खास हैं। यदि व्यक्ति दिन भर इन 3 नामों का स्मरण करता रहे, जप करता रहे तो उसकी सभी बीमारियां सही हो सकती हैं। इन नामों का जप करने वाले व्यक्ति को मृत्यु भी छू भी नहीं पाती। आदि शंकराचार्य के अनुसार नारायण के तीन नाम "अच्युत, अनंत, गोविंद" का निरन्तर जप करते रहना चाहिए। यह बड़े से बड़े कष्ट को भी हरने की सामर्थ्य रखता है। यदि किसी बीमार व्यक्ति पर दवाईयां असर नहीं दिखा रही हैं तो इन 3 मंत्रों के जप से दवाईयों का असर होने लगता है।
महादेव का यह मंत्र मृत्यु को भी टाल देता है
भगवान आशुतोष को काल का भी काल यानि महाकाल कहा गया है। वे जिस पर अपनी कृपा कर दें, सभी नौ ग्रह उसके अनुकूल हो जाते हैं। बीमारी, दुख, दरिद्रता, पीड़ा, मृत्यु हमेशा के लिए उससे दूर हो जाते हैं। उन्हीं महाकाल का लघु महामृत्युंजय मंत्र "ॐ जूं स:" भी समस्त कष्टों को हरने वाला है। यदि कोई असाध्य बीमारी हो जाए और इलाज संभव न हो तो इसका प्रयोग करना चाहिए। इसके लिए रात्रि 9 बजे बाद शिवलिंग पर दूध चढ़ाते हुए इस मंत्र का निरंतर जप करना चाहिए। इसके अलावा दिन में जितना अधिक से अधिक संभव हो, इस मंत्र का जप करना चाहिए। इससे न केवल बीमारियां बल्कि समस्त तरह से दुख और संकट भी दूर भाग जाते हैं।