इन राशियों के जातक बार बार दुर्घटना का शिकार बनते हैं , ये उपाय देंगे राहत

घटनाएं दुर्घटनाएं किसके साथ नहीं होती। जिंदगी है तो छोटे मोटे हादसे होना आम बात है।

Update: 2022-03-20 04:43 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। घटनाएं दुर्घटनाएं किसके साथ नहीं होती। जिंदगी है तो छोटे मोटे हादसे होना आम बात है। लेकिन कई लोग ऐसे होते हैं जिनके साथ बार बार हादसे या दुर्घटनाएं होती रहती हैं। यूं तो लोग इन दुर्घटनाओं को एक दो बार तो सामान्य रूप से लेते हैं लेकिन अगर जानलेवा हादसे या दुर्घटनाएं बार बार होने लगें तो किसी का भी चौंकना लाजमी है।

ज्योतिष कहता है कि घटना दुघर्टनाएं कुंडली में ग्रहों के योग और युति पर निर्भर करती हैं। ज्योतिष शास्त्र में बार बार होने वाली दुर्घटनाओं के संदर्भ ग्रहों की स्थिति को लेकर कई तरह के आकलन किए गए हैं।
चलिए जानते हैं कि ज्योतिष इस संबंध में क्या कहता है -
चर राशियों के जातक
ज्योतिष कहता है कि चर लग्न और चर राशियों (मेष, कर्क, तुला व मकर राशि चर राशि कहलाती हैं) में पैदा हुए लोगों के साथ बार बार दुर्घटना होने के दुर्योग बनने की आशंकाएं बनती है।
दूसरे भाव में राहु मंगल की युति
जिन जातकों के लग्र या कुंडली के दूसरे भाव में राहु -मंगल की युति हो, ऐसे लोगों के साथ भी लगातार हादसे होते रहते हैं। ऐसे लोगों को घर बैठे या लेटे लेटे भी चोट लग जाए तो कोई बड़ी बात नहीं। आपने देखा होगा कुछ लोग हमेशा गिरते पड़ते या चोट का शिकार होते हैं, ये चर लग्न के जातक हो सकते हैं।
लग्न भाव में शनि बैठे हों तो भी जातक को चोट लगने की संभावना प्रबल रहती है।
लग्न में गरम मिजाज मंगल बैठा हो तो भी जातक को ज्यादा चोट लगती है। ऐसे लोगों को सिर में ज्यादा चोट लगती है।
कुंडली के पांचवे भाव में शनि- सूर्य या शनि- मंगल की युति होने पर जातकों के साथ हाथापाई, विवाद या मारपीट की घटनाएं ज्यादा घटती हैं।
उपाय -
यूं तो दुघर्टनाओं को रोका नहीं जा सकता लेकिन इनकी आशंकाओं को कम जरूर किया जा सकता है।
लोहे या तांबे की अंगूठी में मून स्टोन पहनने से दुघर्टनाओं के योग कम होते हैं।
तांबे की अंगूठी में लाल मूंगा पहनने से मंगल का क्रोध कम होता है और हादसों में कमी आ सकती है।
चांदी की अंगूठी में मोती पहनने से भी हादसों की आशंकाएं कम होती हैं।
चर लग्न के जातकों को महामृत्युंजय जाप करवाना प्रभावकारी होता है इससे गुस्सैल और कटु व्यवहार रखने वाले ग्रह शांत होते हैं और दुर्घटना के दुर्योग कम होते हैं।


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