बिहार: हिन्दू परिवारों में श्रीयंत्र बेहद ही महत्वपूर्ण माना जाता है. खासकर गृहस्थ आश्रम में सुख-समृद्धि और धन-सौभाग्य की वृद्धि करने के लिए हर कोई अपने घर-दरवाजे या पूजा घर में श्रीयंत्र रखते हैं. लेकिन क्या आपको पता है कि बिहार के वैशाली में एक श्रीयंत्र मंदिर भी है. 108 फीट ऊंचे इस श्रीयंत्र मंदिर का शिखर दूर से ही लोगों को दिख जाता है. मंदिर की भव्यता और आस्था लोगों को यहां आने के विवश कर देती है. तो चलिए आज हम आपको बताते हैं कि वैशाली में इस श्रीयंत्र मंदिर का निर्माण कैसे हुआ.
वैशाली जिले के हाजीपुर का श्रीयंत्र स्वरूप वाला मंदिर आज भी लोगों के बीच कौतूहल का विषय बना हुआ है. 108 फीट ऊंचे इस मंदिर को देखने दूर-दराज से लोग आते हैं. दरअसल, मां अंबे और बजरंगबली को समर्पित यह बेहद ही पौराणिक मंदिर बताया जाता है. हाजीपुर के राजेंद्र चौक स्थित मां दुर्गा के इस मंदिर में पहले भी लोग पूजा-अर्चना करने आते थे, लेकिन जब से यह मंदिर श्रीयंत्र मंदिर के रूप में तब्दील हुआ है, तब से और भी खासियत बढ़ गई है. 108 फीट ऊंचे श्रीयंत्र मंदिर को पूरे शहर से देखा जा सकता है.
बताया जाता है कि लगभग 15 साल पहले शहर में जलजमाव हो गया था. स्थिति इतनी खराब हो गई थी कि गंदा पानी मंदिर में प्रवेश कर गया. इससे मंदिर के पुजारी समेत यहां आने वाले श्रद्धालु भी परेशान रहने लगे थे. यहां के निकेत कुमार उर्फ डब्ल्यू बताते हैं कि इस बात की जानकारी कुछ लोगों ने उन्हें दी. इसके बाद आम सहमति से मंदिर का पुनर्निर्माण कार्य शुरू हुआ. चार साल तक चले निर्माण के बाद जब श्रीयंत्र मंदिर बनकर तैयार हुआ तो इसकी भव्यता देख लोग चौंक गए. निकेत कुमार बताते हैं कि बिहार में इसके अलावा दूसरा कोई श्रीयंत्र मंदिर नहीं है.
निकेत बताते हैं कि मंदिर का क्या स्वरूप दिया जाए, इसको लेकर कई डिजाइन सामने आए. लेकिन उन सब में गांधी आश्रम के आर्किटेक्ट का श्रीयंत्र वाला डिजाइन सबको पसंद आया. उन्होंने ही पातालेश्वर नाथ मंदिर का भी डिजाइन बनाया है. सबसे खास बात यह है कि इस मंदिर का निर्माण हाजीपुर के ही राजमिस्त्रियों के द्वारा किया गया है.