आज भी धड़कता है भगवान श्रीकृष्ण का दिल, भगवान जगन्नाथ के मंदिर के झंडे का रहस्य
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। Jagannath Puri Rath Yatra 2022: भगवान जगन्नाथ (Lord Jagannath) की रथ यात्रा की शुरुआत हो चुकी है. पिछले दो साल से कोरोना वायरस (Coronavirus) के प्रकोप के चलते भक्तों को रथ यात्रा में जाने अनुमति नहीं थी लेकिन इस बार इसे शुरू किया गया है. बता दें कि 1 जुलाई से 12 जुलाई तक भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा का कार्यक्रम जारी रहेगा. हिंदू पंचाग (Hindu Panchang) के अनुसार, अषाढ़ माह की शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को रथ यात्रा निकाली जाती है. जान लें कि भारत के 4 पवित्र धामों में से ओडिशा (Odisha) के पुरी में स्थित भगवान जगन्नाथ मंदिर (Lord Jagannath Temple) एक है. भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा में उनकी बहन सुभद्रा और भाई बलभद्र भी शामिल होते हैं. कहा जाता है कि बहन सुभद्रा ने एक बार नगर देखने की इच्छा जताई थी, जिसके बाद भगवान जगन्नाथ और भाई बलभद्र उन्हें रथ पर लेकर निकले थे, इस दौरान वो अपनी मौसी के घर गंडिचा में भी गई थीं. तब से ही रथ यात्रा परंपरा की शुरुआत हुई. भगवान जगन्नाथ के मंदिर में कई चौंका देने वाले रहस्य हैं, आइए इनके बारे में जानते हैं.