भगवान कृष्ण से जुड़ा वो अनोखा संप्रदाय जो पढ़ते हैं गीता और कुरान दोनों, जाने इतिहास

Update: 2024-02-28 13:56 GMT
ज्योतिष न्यूज़ : हर धर्म और संप्रदाय मानव हित के लिए जानते जाते हैं लेकिन आज हम आपको एक ऐसे संप्रदाय के बारे में बताएंगे जो है तो हिंदु लेकिन वह गीता के साथ साथ कुरान का भी पाठ करते हैं ये संप्रदाय परनामी या प्रणामी के नाम से जाने जाते हैं आपको बता दें कि गांधी जी की माता पुतली बाई भी इसी पंथ को मानती थी। तो आज हम आपको अपने इस लेख द्वारा परनामी संप्रदाय के बारे में विस्तार से बता रहे हैं तो आइए जानते हैं।
परनामी संप्रदाय से जुड़ी अहम जानकारी—
आपको बता दें कि परनामी संप्रदाय भगवान श्रीकृष्ण को सर्वोच्च मानता है यह संप्रदाय सात्विक जीवन, परोपकार, जीवों पर दया, शाकाहार और शराब व नशे आदि से दूर रहने पर जोर देता है। परनामी समुदाय को निजानंद संप्रदाय के नाम से भी जाना जाता है।
यह एक ऐसा समुदाय है जो भगवान राजा जी में विश्वास करता है उन्हें ही परम सत्य मानता है। ऐसा कहा जाता है कि कुछ मुस्लिम अनुयायियों ने प्राणनाथ जी को अंतिम इमाम मेहंदी माना है तो वही कुछ हिंदु निशकलंक कल्कि का अवतार मानते हैं।
परनामी संप्रदाय का मुख्य केंद्र पूर्वोत्तर मध्य प्रदेश में पन्ना शहद है। इसके अलावा गुजरात, मध्य प्रदेश, राजस्थान के साथ नेपाल में भी इस संप्रदाय के लोग फैले हुए है। वही भुलेश्वर में एक विशेष कृष्ण प्रणामी मंदिर है जहां गीता के श्लोक और कुरान की आयत को राधा कृष्ण का स्वरूप मानकर पूजा जाता है। आपको बता दें कि हर वर्ष जामनगर में 12 दिनों का एक भव्य उत्सव आयोजित किया जाता है जहां पर परनामी संप्रदाय के लोग एकत्रित होते हैं यह उत्सव 1 नवंबर से 12 नवंबर तक चलता है।
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