मकर, कुंभ, धनु, मिथुन, तुला वाले शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या से मुक्ति के लिए करें ये उपाय

दशहरा का पावन पर्व असत्य पर सत्य की जीत के रूप में मनाया जाता है। इस दिन भगवान श्री राम ने रावण का वध किया था। दशहरे के दिन को बेहद शुभ माना जाता है। इस दिन किसी भी तरह का शुभ कार्य किया जा सकता है।

Update: 2022-10-02 03:44 GMT

दशहरा का पावन पर्व असत्य पर सत्य की जीत के रूप में मनाया जाता है। इस दिन भगवान श्री राम ने रावण का वध किया था। दशहरे के दिन को बेहद शुभ माना जाता है। इस दिन किसी भी तरह का शुभ कार्य किया जा सकता है। दशहरे के दिन शुभ- अशुभ मुहूर्त भी नहीं देखा जाता है। इस साल 5 अक्टूबर को दशहरे का पावन पर्व मनाया जाएगा। इस समय मकर, कुंभ, धनु राशि पर शनि की साढ़ेसाती और मिथुन, तुला राशि पर शनि की ढैय्या चल रही है। शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या की वजह से व्यक्ति को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। दशहरा के पावन दिन शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या से मुक्ति के लिए व्यक्ति को नियम से हनुमान जी और भगवान श्री राम की पूजा करनी चाहिए। हनुमान जी के भक्तों पर शनि का अशुभ प्रभाव नहीं पड़ता है। जिस व्यक्ति पर हनुमान जी की कृपा होती है उस व्यक्ति पर भगवान श्री राम की भी विशेष कृपा रहती है। इस पावन दिन घर के मंदिर में घी की ज्योत जलाएं और हनुमान चालीसा का एक से अधिक बार पाठ करें। हनुमान चालीसा का पाठ करने के बाद श्री राम रक्षा स्तोत्रम का पाठ करें। श्री राम रक्षा स्तोत्रम का पाठ करने से सभी तरह के दुख- दर्द दूर हो जाते हैं और भय से मुक्ति मिलती है। 

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