तरक्की में बाधा डालते हैं ऐसे लोग, भूलकर भी न बढ़ाएं इनसे नजदीकियां
आचार्य चाणक्य ने नीति शास्त्र में जीवन से जुड़े कई पहलुओं का वर्णन किया है। चाणक्य नीति के अनुसार, जब व्यक्ति को किसी बड़े लक्ष्य की प्राप्ति करना हो तो, उसे अपनी सोच और दिल को बड़ा रखना चाहिए।
आचार्य चाणक्य ने नीति शास्त्र में जीवन से जुड़े कई पहलुओं का वर्णन किया है। चाणक्य नीति के अनुसार, जब व्यक्ति को किसी बड़े लक्ष्य की प्राप्ति करना हो तो, उसे अपनी सोच और दिल को बड़ा रखना चाहिए। कहते हैं कि अच्छे व बुद्धिमान लोगों का साथ लक्ष्य को जल्दी प्राप्त करने में मदद करता है। वहीं अगर नकारात्मक व गलत लोगों का साथ हो तो व्यक्ति को लक्ष्य प्राप्त करने में मुश्किलें आती हैं। इसलिए अगर जीवन में तरक्की प्राप्त करना है तो गलत संगत के लोगों से दूर रहना चाहिए। जानिए आज की चाणक्य नीति-
आचार्य चाणक्य कहते हैं कि मूर्ख शिष्य को उपदेश देना, चरित्रहीन स्त्री का पालन-पोषण करना, किसी दुखी व्यक्ति के साथ रहना, हमेशा ही व्यक्ति को दुख पहुंचाता है। इसलिए व्यक्ति को इन लोगों से दूर रहना चाहिए। चाणक्य ने इस संबंध में चाणक्य नीति में एक श्लोक भी लिखा है-
मूर्खशिष्योपदेशेन दुष्टास्त्रीभरणेन च।
दु:खिते सम्प्रयोगेण पण्डितोऽप्यवसीदति।।
चाणक्य के अनुसार, उस व्यक्ति को सलाह देनी चाहिए, जो आपकी सलाह पर अमल करें। किसी ऐसे व्यक्ति को सलाह देने का कोई अर्थ नहीं है जो आपकी बात को व्यर्थ समझता हो। चाणक्य नीति के अनुसार, किसी ऐसे व्यक्ति की मदद कभी नहीं करनी चाहिए जिसका आचरण अच्छा न हो। चाणक्य का मानना है कि हमेशा दुखी रहने वाला व्यक्ति नकारात्मकता से भरा होता है, इसलिए ऐसे व्यक्ति की संगत से दूर रहना चाहिए। जीवन में लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए हमेशा ऊर्जा, उत्साह व सकारात्मकता से भरपूर व्यक्ति का साथ पकड़ना चाहिए।