148 साल बाद बन रहा है ऐसा संयोग, सूर्य ग्रहण और शनि जयंती एक ही दिन

कल यानी 10 जून का दिन धार्मिक दृष्टि से बेहद खास रहने वाला है।

Update: 2021-06-09 09:55 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क | कल यानी 10 जून का दिन धार्मिक दृष्टि से बेहद खास रहने वाला है। हिंदू पंचांग के अनुसार कल ज्येष्ठ माह की अमावस्या तिथि है। हिंदू धर्म में अमावस्या तिथि का बहुत अधिक महत्व होता है। अमावस्या तिथि पर दिन दान- पुण्य करने से कई गुना फल की प्राप्ति होती है। कल का दिन बेहद खास रहने वाला है क्योंकि कल साल का पहला सूर्य ग्रहण भी लग रहा है और कल ही शनि जयंती और वट सावित्री व्रत भी है।

सूर्य ग्रहण
कल साल का पहला सूर्य ग्रहण लगने जा रहा है। हालांकि ये सूर्य ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा। भारत में सूर्य ग्रहण नहीं दिखाई देगा, जिस वजह से सूतक काल मान्य नहीं होगा।
शनि जयंती
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार ज्येष्ठ माह की अमावस्या तिथि पर भगवान शनि का जन्म हुआ था। हर साल इस दिन को शनि जयंती के रूप में मनाया जाता है। इस दिन विधि- विधान से शनि देव की पूजा- अर्चना की जाती है।
वट सावित्री व्रत
हिंदू धर्म में वट सावित्री व्रत का बहुत अधिक महत्व होता है। सुहागिन महिलाएं इस व्रत को अपने पति की लंबी उम्र के लिए रखती हैं।
क्या कल व्रत किया जा सकेगा?
कल साल का पहला सूर्य ग्रहण भी लग रहा है। सूर्य ग्रहण से 12 घंटे पहले सूतक काल लग जाता है। सूतक काल में शुभ कार्य करने की मनाही होती है, लेकिन कल लगने वाला ग्रहण भारत में नहीं दिखाई देगा जिससे इसका प्रभाव भी नहीं पड़ेगा और कल व्रत रखा जा सकेगा।
148 साल बाद बन रहा है ऐसा संयोग
शनि जयंती और सूर्य ग्रहण का ऐसा संयोग लगभग 148 सााल बाद बन रहा है। इससे पहले 26 मई 1873 को शनि जयंती और सूर्य ग्रहण का संयोग बना था। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार शनि देव सूर्य भगवान के पुत्र हैं।


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