ॐ जय जगदीश हरे आरती से करें दिन की शुरुआत

होगा कल्याण

Update: 2023-09-07 03:21 GMT

ज्योतिष न्यूज़: हिंदू धर्म में हफ्ते का हर दिन किसी न किसी देवी देवता की पूजा को समर्पित होता हैं वही गुरुवार का दिन जगत के पालनहार भगवान विष्णु की साधना आराधना के लिए उत्तम माना जाता हैं इस दिन भक्त प्रभु को प्रसन्न करने के लिए उनकी विधि विधान से पूजा करते हैं और दिनभर उपवास आदि भी रखते हैं

मान्यता है कि आज के दिन विष्णु भक्ति करने से भगवान की कृपा प्राप्त होती हैं लेकिन कोई भी पूजा और व्रत बिना आरती के पूर्ण नहीं माना जाता हैं ऐसे में अगर आप गुरुवार के दिन व्रत पूजन कर रहे हैं तो भगवान की आरती का पाठ जरूर करें, ऐसा करने से व्रत पूजा का पूर्ण फल मिलता हैं और साधक का कल्याण होता है, तो आज हम आपके लिए लेकर आए हैं भगवान विष्णु की प्रिय आरती पाठ।

श्री विष्णु जी की आरती—

ॐ जय जगदीश हरे,

स्वामी जय जगदीश हरे ।

भक्त जनों के संकट,

दास जनों के संकट,

क्षण में दूर करे ॥

॥ ॐ जय जगदीश हरे..॥

जो ध्यावे फल पावे,

दुःख बिनसे मन का,

स्वामी दुःख बिनसे मन का ।

सुख सम्पति घर आवे,

सुख सम्पति घर आवे,

कष्ट मिटे तन का ॥

॥ ॐ जय जगदीश हरे..॥

मात पिता तुम मेरे,

शरण गहूं किसकी,

स्वामी शरण गहूं मैं किसकी ।

तुम बिन और न दूजा,

तुम बिन और न दूजा,

आस करूं मैं जिसकी ॥

॥ ॐ जय जगदीश हरे..॥

तुम पूरण परमात्मा,

तुम अन्तर्यामी,

स्वामी तुम अन्तर्यामी ।

पारब्रह्म परमेश्वर,

पारब्रह्म परमेश्वर,

तुम सब के स्वामी ॥

॥ ॐ जय जगदीश हरे..॥

तुम करुणा के सागर,

तुम पालनकर्ता,

स्वामी तुम पालनकर्ता ।

मैं मूरख फलकामी,

मैं सेवक तुम स्वामी,

कृपा करो भर्ता॥

॥ ॐ जय जगदीश हरे..॥

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तुम हो एक अगोचर,

सबके प्राणपति,

स्वामी सबके प्राणपति ।

किस विधि मिलूं दयामय,

किस विधि मिलूं दयामय,

तुमको मैं कुमति ॥

॥ ॐ जय जगदीश हरे..॥

दीन-बन्धु दुःख-हर्ता,

ठाकुर तुम मेरे,

स्वामी रक्षक तुम मेरे ।

अपने हाथ उठाओ,

अपने शरण लगाओ,

द्वार पड़ा तेरे ॥

॥ ॐ जय जगदीश हरे..॥

विषय-विकार मिटाओ,

पाप हरो देवा,

स्वमी पाप(कष्ट) हरो देवा ।

श्रद्धा भक्ति बढ़ाओ,

श्रद्धा भक्ति बढ़ाओ,

सन्तन की सेवा ॥

ॐ जय जगदीश हरे,

स्वामी जय जगदीश हरे ।

भक्त जनों के संकट,

दास जनों के संकट,

क्षण में दूर करे ॥

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