नवरात्रि पर बन रहे हैं विशेष योग, जानें शुभ मुहूर्त, पूजा विधि
आश्विन मास के प्रतिपदा तिथि से शरदीय नवरात्रि (Shardiya Navratri) प्रारंभ हो रही है. नवरात्रि में मां दुर्गा की नौ स्वरूपों में पूजा होती है.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। आश्विन मास की प्रतिपदा तिथि से शरदीय नवरात्रि (Shardiya Navratri) प्रारंभ हो रही है. 7 अक्टूबर यानी गुरुवार से शरदीय नवरात्रि शुरू हो रहे हैं जो 14 अक्टूबर तक चलेगा. नवरात्रि के नौ दिनों मां दुर्गा के अलग- अलग स्वरूप की पूजा होती है. कई श्रद्धालु नवरात्रि में व्रत रखते हैं. नवरात्रि में मां दुर्गा की कई स्वरूपों में पूजा होती है. मान्याता है कि जो भी व्यक्ति मन से मां दुर्गा की पूजा करता है उसकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती है
शरदीय नवरात्रि के पहले दिन ही कलश स्थापना या घट स्थापना होती है. नवरात्रि के पहले दिन मां दुर्गा की पूजा होती है. आइए जानते हैं नवरात्रि से जुड़ी महत्वपूर्ण बातों के बारे में.
नवरात्रि पर बन रहे हैं विशेष योग
इस बार नवरात्रि गुरुवार से प्रारंभ हो रही है. पूजा के पहले दिन कई सारे शुभ संयोग बन रहे है. नवरात्रि में पांच रवियोग के साथ सौभाग्य योग्य और वैधृत योग बन रहा है. नवरात्रि की शुरुआत चित्रा नक्षत्र में हो रही है जो सुख और सौभाग्य का प्रतीक है. ज्योतिषों के अनुसार कोई जातक नवरात्रि के शुभ मुहूर्त में किसी कार्य को शुरू करने पर सफतला जरूर मिलेगी. इसके अलावा इस दौरान घर, प्रॉपटी और अन्य चीजों को खरीदना बहुत शुभ माना गया है.
कलश स्थापन शुभ महूर्त
ज्योतिषों के अनुसार इस बार मां दुर्गा घोड़े पर सवार होकर आएंगी. हिंदू पंचांग के अनुसार कलश स्थापना के लिए अभिजित मुहूर्त सबसे शुभ माना गया है. मान्यता है कि इस मुहूर्त में उपस्थिति अनेक दोष अपने आप दूर हो जाते हैं. अभिजित मुहूर्त 7 अक्टूबर को सुबह 11 बजकर 37 मिनट से 12 बजकर 23 मिनट तक रहेगा. इसके अलावा अगर कोई सुबह के समय में कलश स्थापन करना चाहता है तो 06 बजकर 54 मिनट से 9 बजकर 14 मिनट के बीच कर सकते हैं. इस बार नवरात्रि में दो तिथियां एक दिन पड़ने से 8 दिन की नवरात्रि होगी.
कन्या पूजन का होता है विशेष महत्व
नवरात्रि में कन्या पूजन कराने का विशेष महत्व होता है. जो लोग नौ दिनों के लिए व्रत रखते हैं या दुर्गाष्टमी के दिन व्रत रखते हैं वे कन्या पूजन करते है. कुछ लोग नवमी के दिन भी कन्या पूजन करते हैं. कन्या पूजन के दिन जातक नौ कन्याओं को मां दुर्गा के नौ स्वरूप मानकर पूजा करते हैं.