Somvati Amavasya 2021: साल की पहली और आखिरी सोमवती अमावस्‍या, जानें तिथि और शुभ मुहूर्त

साल की पहली और आखिरी सोमवती अमावस्‍या

Update: 2021-04-10 11:46 GMT

जनता से रिश्ता से रिश्ता वेबडेस्क:  हिंदू पंचांग के अनुसार प्रत्‍येक महीने एक अमावस्‍या तिथि होती है और जब यह तिथि किसी भी महीने में सोमवार को पड़ती है तो इसे सोमवती अमावस्‍या कहते हैं। इस साल की पहली सोमवती अमावस्‍या 12 अप्रैल को पड़ रही है। माना जा रहा है यह साल की पहली और आखिरी सोमवती अमावस्‍या होगा और 12 अप्रैल के बाद पूरे साल कोई सोमवती अमावस्‍या नहीं पड़ेगी। अमावस्‍या का सर्वाधिक महत्‍व पितृ पूजन को लेकर होता है। इस दिन पितरों के निमित्‍त दान-पुण्‍य करने की परंपरा है। माना जाता है कि इस दिन किया गया दान प्रत्‍यक्ष रूप में पितरों तक पहुंचता है। आइए इस बार की सोमवती अमावस्‍या में क्‍या है खास और इस दिन कौन-कौन से योग हैं।

सोमवती अमावस्या शुभ मुहूर्त
अमावस्या तिथि प्रारंभ : 11 अप्रैल 2021 सुबह 06:03 बजे से
अमावस्या तिथि समाप्‍त : 12 अप्रैल 2021 सुबह 08:00 बजे तक
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स्‍नान का विशेष महत्‍व
इस बार की सोमवती अमावस्‍या को कुंभ में दूसरा शाही स्‍नान भी है। सोमवती अमावस्‍या पर गंगा में स्‍नान करने का विशेष महत्‍व माना जाता है। मगर इस बार बढ़ते कोरोना के कारण किसा पवित्र नदी में स्‍नान कर पाना संभव नहीं होगा। इसलिए इस बार घर पर ही सूर्योदय से पूर्व स्‍नान के जल में गंगाजल मिलाकर नहाया जाना ही उचित होगा। मान्‍यता है कि इस दिन कोई व्‍यक्ति धार्मिक कार्य या फिर दान पुण्‍य करता है तो उसके जीवन के कष्‍ट दूर होते हैं। चैत्र मास में पड़ने वाली अमावस्‍या का विशेष महत्‍व माना जाता है और तीर्थ स्‍थानों पर मेले का आयोजन होता है, लेकिन इस बार उतने बड़े स्‍तर पर मेला कहीं नहीं लगेगा।
ऐसे दूर करें भ्रम
कुछ लोग इस तरह की बातें कर रहे हैं कि इस बार सोमवती अमावस्‍या पर अशुभ योग बन रहे हैं और इस दिन कोई भी शुभ कार्य करना सही नहीं है। उनका मानना है कि इस दिन विष्कुम्भ योग और वैधृति योग लग रहे हैं जो कि आपके कार्यों को निष्‍फल कर देते हैं। जबकि यह सही नहीं है। सच्‍चाई यह है कि इन योग का न ही कोई शुभ प्रभाव होता है और न ही ये किसी प्रकार का अशुभ प्रभाव छोड़ते हैं। यानी आप इस दिन जो भी कार्य करने के बारे में सोच रहे हैं बेझिझक होकर करें।
सोमवती अमावस्‍या का महत्‍व
सोमवती अमावस्‍या का विशेष महत्‍व माना जाता है। इस दिन पितरों का तर्पण करने से विशेष पुण्‍य की प्राप्ति होती है और आशीर्वाद प्राप्‍त होता है। इस दिन पवित्र नदियों में स्‍नान का खास महत्‍व माना गया है। सोमवती अमावस्‍या के दिन भगवान शिव की पूजा करने से मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। इस पावन दिन मां लक्ष्‍मी की पूजा करने से लाभ होता है और आपके घर में धन की कमी नहीं होती।
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