शनिदेव की पूजा के वक्त जरूर बरतनी चाहिए ये कुछ सावधानियां
शनिदेव को कलियुग में न्यायाधीश कहा गया है जो कर्मों के आधार पर सजा और पुरस्कार के रूप में शुभ और अशुभ फल देते हैं।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। शनिदेव को कलियुग में न्यायाधीश कहा गया है जो कर्मों के आधार पर सजा और पुरस्कार के रूप में शुभ और अशुभ फल देते हैं। ज्योतिष में शनि को भले ही क्रूर ग्रह माना गया है जिसके चलते लोग शनिदेव से डरते हैं। लेकिन इतना तय है कि शनिदेव कर्म के आधार पर दंड का विधान करते हैं।
ऐसे में सभी लोग शनिदेव को प्रसन्न करने और उनकी सजा से बचने के लिए उनकी पूजा करते हैं। लेकिन शनिदेव की पूजा के वक्त कुछ सावधानियां बरतनी जरूरी है, नहीं तो उनकी पूजा करने वाला भी उनके कोप का शिकार बन सकता है।
अगर आप भी शनिवार को शनि मंदिर जाते हैं औऱ नियमित तौर पर शनिदेव की पूजा अर्चना करते हैं तो आपके लिए ये जानना बहुत जरूरी है कि शनिदेव की पूजा करते वक्त क्या सावधानियां बरतनी चाहिए। कहीं ऐसा ना हो कि आप असावधानी वश कुछ ऐसा कर बैठें कि शनिदेव प्रसन्न होने की बजाय नाराज हो उठें।
शनिदेव की आंखों को नहीं देखना चाहिए
शनिदेव की पूजा करने मंदिर गए हैं तो पूजा करते वक्त सीधा शनिदेव की आंखों में मत देखिए। जब भी पूजा करें, शनिदेव की मूर्ति के ठीक सामने खड़े होने से बचना चाहिए।जब भी पूजा करें तो आपकी आंखें या तो बंद हों और या फिर शनिदेव के चरणों की तरफ देख रही हों। कहा जाता है कि शनिदेव की आंखों में आंखें डालकर देखने से शनिदेव की दृष्टि सीधे आप पर पड़ती है और आपकी कुंडली में उनकी दृष्टि है तो आप उनके कोप का शिकार हो जाएंगे।
शनिदेव को पीठ ना दिखाएं
शनिदेव की पूजा करते वक्त तनकर नहीं खड़ा होना चाहिए। दूसरी खास बात जब आप शनिदेव की पूजा करके वहां से हटें तो जिस अवस्था में खड़े थे उसी अवस्था में पीछे की तरफ होते आएं। शनिदेव के मंदिर में उन्हें पीठ नहीं दिखानी चाहिए। इससे शनिदेव नाराज हो सकते हैं।
कपड़ों के रंग का भी रखें ध्यान
शनिदेव की पूजा करते वक्त रंगों का भी खास ध्यान रखना चाहिए। जब भी शनिदेव की पूजा करने जाएं तो लाल रंग के कपड़े पहनने से बचें। दरअसल लाल रंग मंगल का कारक है और मंगल शनि के शत्रु ग्रह में गिने जाते हैं। शनिदेव की पूजा करते वक्त उनके प्रिय रंग जैसे नीले और काले वस्त्र पहन कर जाना चाहिए।
तांबे की बजाय लोहे के बर्तन से चढ़ाएं तेल
अगर शनिदेव को तेल अर्पित करने जा रहे हैं तो भूलकर भी तांबे के बर्तन का इस्तेमाल ना करें। शनिदेव को तेल अर्पित करने के लिए हमेशा लोहे के बर्तन का उपयोग करना चाहिए। तांबा सूर्य का कारक है और सूर्यदेव और शनिदेव आपस में परम शत्रु हैं।
इस दिशा में ना करें पूजा
शनिदेव की पूजा करते वक्त आपको पूजा की दिशा का भी खास ख्याल रखना होगा। आमतौर पर लोग पूर्व की ओर मुख करके पूजा करते हैं लेकिन शनिदेव पश्चिम के स्वामी कहे जाते हैं इसलिए इनकी पूजा करते वक्त साधक का मुंह पश्चिम की तरफ होना चाहिए।
शनिदेव की पूजा करते वक्त करें इस मंत्र का जाप
शनिदेव की पूजा करते वक्त शनि जाप मंत्र का जाप करना चाहिए। इससे शनिदेव प्रसन्न होते हैं। ॐ प्रां प्रीं प्रौं स: शनिश्चराय नम:। शनिवार के दिन शनि मंदिर में इस मंत्र का जाप करने से शनिदेव प्रसन्न होकर जातक पर अपनी कृपा बरसाते हैं। इस मंत्र को जपते समय मन में लोभ, क्रोध, हिंसा नहीं रखनी चाहिए, इससे शनिदेव जल्द ही प्रसन्न होकर जातक पर कृपा करते हैं।