दिवाली के अगले दिन यानी 25 अक्टूबर, मंगलवार को साल का दूसरा और आखिरी सूर्य ग्रहण लगेगा। इस बार सूर्य ग्रहण आंशिक रहेगा और आधे घंटे तक लगेगा। भारत में यह दिल्ली के अलावा बेंगलुरू (कर्नाटक), कोलकाता (पश्चिम बंगाल), चेन्नई (तमिलनाडु), उज्जैन (मध्य प्रदेश), वाराणसी और मथुरा ( दोनोंउत्तर प्रदेश) में नज़र आएगा। भारत में सूर्य ग्रहण शाम के समय शुरू होगा, जिसे कई जगहों से देखा जा सकता है, लेकिन इसका अंत नहीं दिखाई देगा,क्योंकि यह सूर्यास्त के बाद होगा।
ग्रहण को नंगी आंखों (naked eyes) से देखने की सलाह कभी नहीं दी जाती है। यहां तक कि जब चंद्रमा सूर्य के अधिकांश हिस्से को अवरुद्ध कर देता है, तब भी यह आंखों को स्थायी रूप से नुकसान पहुंचा सकता है। इसकी ओर देखने से अंधापन भी हो सकता है।
सूर्य ग्रहण के दौरान सुरक्षित रहने के लिए जानें क्या करना चाहिए और क्या नहीं।
सूर्य ग्रहण के दौरान क्या करें?
1. इसे देखने का सबसे सुरक्षित और सही तरीका है- सही फिल्टर का इस्तेमाल करना। जैसे कि काला पॉलिमर, एल्युमिनाइइज्ड, 14 नंबर शेड वाला वेल्डिंग ग्लास और टेलीस्कोप के ज़रिए।
2. नासा की सलाह के मुताबिक,सूर्य ग्रहण के वक्त आसमान की ओर देखने से पहले आंखों पर किसी तरह का प्रोटेक्शन ज़रूर लगाएं।
3. ग्रहण के दौरन अगर आप गाड़ी चला रहे हैं, तो अपनी हेडलाइट्स को ऑन रखें।
सूर्य ग्रहण के दौरान क्या न करें
1. सूर्य ग्रहण को देखने के लिए कभी भी आम धूप के चश्मों के इस्तेमाल की सलाह नहीं दी जाती।
2. अपने कैमरा से ग्रहण की रिकॉर्डिंग करने से बचें। अगर आप सही चश्मों का इस्तेमाल नहीं कर रहे हैं, तो इस बात की संभावना हमेशा बनी रहती है कि सूर्य की तेज़ किरणें आपकी आंखों को नुकसान पहुंचा सकती हैं।
3. अगर आपके पास सही चश्मे नहीं हैं, तो अपने बच्चों को भी ग्रहण देखने से रोकें।
सूर्य ग्रहण कैसे लगता है?
जब चंद्रमा पृथ्वी और सूर्य के बीच से गुज़रता है और ये तीनों ग्रह एक सीधी लाइन में होते हैं। जहां-जहां चंद्र की छाया पड़ती है, वहां सूर्य नहीं दिखता है। इस स्थिति को ही सूर्य ग्रहण कहते हैं।
अगला सूर्य ग्रहण कब लग रहा है?
भारत से दिखाई देने वाला अगला सूर्य ग्रहण 2 अगस्त, 2027 को लगने की उम्मीद है। यह पूर्ण सूर्य ग्रहण होगा। देश के सभी हिस्सों से इसे आंशिक सूर्य ग्रहण के रूप में देखा जाएगा।