एक ही दिन पड़ रही है छोटी दिवाली और धनतेरस, जानें शुभ मुहूर्त और पूजा विधि
इस वर्ष धनतेरस और छोटी दिवाली को एक साथ मनाया जा रहा है। इनकी तारीखों को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है
जनता से रिश्ता वेबडेस्क | इस वर्ष धनतेरस और छोटी दिवाली को एक साथ मनाया जा रहा है। इनकी तारीखों को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है क्योंकि तिथि के मुताबिक धनतेरस और छोटी दिवाली एक ही दिन पर पड़ रही हैं। शुक्रवार यानी 13 नवंबर को ये दोनों त्यौहार मनाए जा रहे हैं। धनतेरस होने के चलते इस दिन खरीदारी करना बेहद शुभ होता है। इस दिन सोने चांदी के आभूषण, चांदी का सिक्का, लक्ष्मी गणेश जी की मूर्ति, बर्तन, वस्त्र, गिफ्ट आइटम जैसी चीजें खरीदना बेहद उत्तम और शुभ माना जाता है। आइए जानते हैं धनतेरस और छोटी दिवाली के शुभ मुहूर्त।
धनतेरस:
धनतेरस को छोटी दिवाली से एक दिन पहले मनाया जाता है। यह त्यौहार इस वर्ष 13 नवंबर को पड़ रहा है। धनतेरस का मुहूर्त शाम 5 बजकर 34 मिनट से लेकर शाम 6 बजकर 1 मिनट तक है। इस दिन प्रदोष काल शाम 5 बजकर 28 मिनट से लेकर रात 8 बजकर 7 मिनट तक है। वृषभ काल मुहूर्त शाम 5 बजकर 34 मिनट से लेकर शाम 7 बजकर 29 मिनट तक है।
छोटी दिवाली:
नरक चतुर्दशी यानी छोटी दिवाली, मुख्य त्यौहार से एक दिन पहले मनाई जाती है। हिंदू पंचांग के अनुसार, कार्तिक महीने की चतुर्दशी तिथि पर छोटी दिवाली मनाई जाती है। इस दिन को नरक चौदस या रूप चौदस भी कहा जाता है। यह त्यौहार 14 नवंबर को मनाया जाएगा। इस दिन अभयदान (दीवाली स्नान अनुष्ठान) का शुभ समय सुबह 5:23 से शुरू होकर 6:43 बजे तक का है।
रूप चतुर्दर्शी पूजन:
इस वर्ष धनतेरस के दिन ही चतुर्दशी तिथि आ रही है। यह प्रदोष काल में आ रही है। ऐसे में इस दिन रूप चतुर्दशी, हनुमान पूजन, यमदीप दान होगा। मान्यता है कि इस दिन लोग सुबह उबटन लेपन के बाद ही स्नान करते हैं। इससे व्यक्ति का रूप निखरता है। इसके अलावा अनिष्ट के विनाश और लंबी आयु के लिए इस दिन दीपक (चार मुखी) जलाया जाता है। इसे पूरे घर में घुमाया जाता है। फिर इस दीपक को किसी सुनसान स्थान या चौराहे पर रख दिया जाता है।