शुभता और मंगल के प्रतीक माने जाने वाले गणपति की पूजा से जुड़े सरल उपाय

सनातन परंपरा में किसी भी कार्य की शुरुआत को ही श्री गणेश करना जाना कहा जाता है. गणपति की साधना अत्यंत ही सरल और त्वरित फल देने वाली मानी गई है. शुभता और मंगल के प्रतीक माने जाने वाले गणपति की पूजा से जुड़े सरल उपाय को जानने के लिए जरूर पढ़ें ये लेख.

Update: 2021-12-22 05:43 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। ऋद्धि-सिद्धि के दाता भगवान गणेश जी की साधना-आराधना वैसे तो प्रत्येक शुभ कार्य के पहले की जाती है, लेकिन बुधवार का दिन उनकी पूजा के लिए अत्यंत ही शुभ एवं फलदायक है. मान्यता है कि इस दिन विधि-विधान से गणपति बप्पा की पूजा करने से घर में रिद्धि-सिद्धि और सुख-समृद्धि आती है. गणपति की कृपा से जीवन से जुड़ी सभी बाधाएं और संकट दूर हो जाते हैं. आइए जानते हैं मंगलमूर्ति गणेश जी की पूजा से जुड़े वो सरल उपाय, जिन्हें करते ही भगवान गणेश की कृपा बरसने लगती है.

किस स्वरूप की करें पूजा
गणपति के अलग-अलग स्वरूप के अपनी अलग-अलग विशेषताएं हैं. मान्यता है कि गणपति के विभिन्न स्वरूप की पूजा करने के अपने अलग-अलग फल मिलते हैं. जैसे जैसे हरिद्रा नाम की जड़ से तैयार किये गये गणपति जिसे हरिद्रा गणपति कहा जाता है, उनकी पूजा करने से शीघ्र विवाह की कामना पूरा होती है. वहीं स्फटिक के गणपति की पूजा करने से कॅरिअर और कारोबार में सफलता और धन में वृद्धि होती है.
पूजा में जरूर चढ़ाएं ये चीजें
भगवान गणेश जी की पूजा में कुछ चीजें ऐसी हैं, जिनके चढ़ाने से गणपति शीघ्र ही प्रसन्न होकर सुख समृद्धि का आशीर्वाद देते हैं. गणपति की पूजा में सिंदूर और दूर्वा जरूर अर्पित करें. गणपति को जब कभी भी दूर्वा चढ़ाएं तो हमेशा ऐसी दूर्वा ही अर्पित करें जिसके ऊपरी हिस्से में 3 या 3 पत्तियां हों. वहीं भगवान ​गणेश जी की पूजा में चढ़ाए गए सिंदूर में थोड़ा सा लेकर अपने माथे पर तिलक लगाएं. मान्यता है कि इस उपाय को करने से कार्य विशेष में शीघ्र ही सफलता और मनोकामना शीघ्र ही पूरी होती है. दूर्वा की तरह गणपति को शमी की पत्तियां चढ़ाने का भी अत्यंत पुण्य फल मिलता है. मान्यता है कि गणेश जी को शमी की पत्तियां चढ़ाने से जीवन से जुड़ी तमाम तरह की बाधाएं दूर होती हैं.
प्रसाद से पूरी होगी मनोकमाना
किसी भी देवी-देवता के लिए की जाने वाली पूजा में प्रसाद का बहुत महत्व होता है. ऐसे में हमें हमेशा अपने आराध्य की पसंद का ही प्रसाद चढ़ाना चाहिए. बात करें यदि गणपति बप्पा की तो मान्यता है कि उन्हें मोदक और मोतीचूर के लड्डू अत्यंत ही प्रिय हैं. इसी प्रकार यदि आप चाहें तो प्रसाद में केला और गन्ना भी उन्हें प्रसाद के रूप में चढ़ा सकते हैं.


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