बृहस्पति की शुभता दिलाने वाले सरल एवं प्रभावी उपाय
ज्योतिष (Astrology) में बृहस्पति ग्रह को देवताओं का ‘गुरु’ कहा जाता है, जिनकी कृपा से व्यक्ति को सुख-सौभाग्य की प्राप्ति होती है, जबकि कमजोर होने पर उसे तमाम तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है. बृहस्पति (Jupiter) की शुभता दिलाने वाले सरल एवं प्रभावी ज्योतिष उपाय जानने के लिए पढ़ें ये लेख.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। मान्यता है कि जिस व्यक्ति के कुंडली में बृहस्पति (Jupiter) ग्रह मजबूत होता है वह सदाचारी और धर्म मार्ग पर चलने वाला होता है. देवगुरु बृहस्पति की कृपा से उसे धन की कमी नहीं होती है और जीवन से सभी सुख प्राप्त होते हैं. उसे कदम-कदम पर सौभाग्य का साथ मिलता है. वहीं कुंडली में बृहस्पति के कमजोर होने पर व्यक्त को तमाम तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है. कार्यक्षेत्र और पढ़ाई-लिखाई, विवाह आदि में तमाम तरह बाधाएं आती हैं. आइए कुंडली में देवगुरु बृहस्पति (Lord Brihaspati) को मजबूत करके उनकी शुभता पाने के ज्योतिष उपाय (Astro Remedies for Jupiter in Hindi) जानते हैं.
यदि आपकी कुंडली में बृहस्पति ग्रह कमजोर होकर अशुभ फल दे रहा हो और आपका भाग्य आपसे रूठा हुआ है तो उसे मजबूत करने के लिए गुरुवार के दिन देवगुरु बृहस्पति, केले के पेड़, भगवान विष्णु की पूजा अवश्य करें. देवगुरु बृहस्पति की शुभता पाने और उनके अशुभ प्रभावों को कम करने के लिए प्रतिदिन गुरु स्तोत्र का पाठ करें.
यदि कुंडली में बृहस्पति ग्रह के कारण आपको बहुत ज्यादा परेशानी झेलनी पड़ रही हो तो उसे दूर करने के लिए गुरु बीज मंत्र 'ॐ ग्रां ग्रीं ग्रौं स: गुरवे नम:' का प्रतिदिन जाप करें. इस मंत्र का 16000 जाप 40 दिनों के भीतर बगैर एक दिन नागा किये हुए पूरा करें. बृहस्पति की अंतर्दशा के दौरान अशुभ प्रभाव को दूर करने के लिए यह बहुत ही प्रभावी उपाय है.
किसी भी ग्रह की शुभता पाने के लिए उससे संबंधित दान एक बहुत प्रभावी उपाय है. ऐसे में देवगुरु बृहस्पति की कृपा पाने के लिए प्रत्येक गुरुवार को किसी ब्राह्मण या मंदिर के पुजारी को केसर या हल्दी, चना दाल और पीले कपड़े का दान करें.
सनातन परंपरा में देवी-देवताओं से लेकर ग्रहों की शुभता पाने के लिए व्रत एक उत्तम उपाय है. देवगुरु बृहस्पति के लिए गुरुवार का दिन समर्पित है. ऐसे में गुरु ग्रह की शुभता पाने के लिए बृहस्पतिवार के दिन पूरे विधि-विधान से व्रत रखें और इस व्रत में नमक का सेवन न करें. इस व्रत को करने पर विवाह में आ रही बाधाएं दूर होती हैं और सुयोग्य वर या वधू की प्राप्ति होती है. इस व्रत को करने से सुख-सौभाग्य बढ़ता है.
यदि आपकी कुंडली में बृहस्पति ग्रह कमजोर है तो उसकी शुभता को पाने के लिए प्रतिदिन पूजा में हल्दी या केसर के तिलक का प्रयोग करें और उसे प्रसाद स्वरूप अपने माथे पर भी लगाएं. किसी विशेष कार्य के लिए निकलते समय हल्दी या केसर का तिलक लगाना न भूलें.