संतान प्राप्ति के लिए रामबाण है शिव पुराण, मगर पाठ करते समय जरूर बरतें ये सावधानियां

भगवान महादेव का सबसे बड़ा पर्व महाशिवरात्रि आने वाला है। फाल्गुन मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को महाशिवरात्रि मनाई जाती है। हिन्दू धर्म में महाशिवरात्रि का विशेष महत्व है।

Update: 2022-02-26 02:23 GMT

भगवान महादेव का सबसे बड़ा पर्व महाशिवरात्रि आने वाला है। फाल्गुन मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को महाशिवरात्रि मनाई जाती है। हिन्दू धर्म में महाशिवरात्रि का विशेष महत्व है। महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव की विशेष आराधना की जाती है। इस वर्ष महाशिवरात्रि 1 मार्च, मंगलवार को मनाई जाएगी। मान्यता है कि भगवान भोलेनाथ और माता पार्वती का विवाह इसी दिन हुआ था। कहते है कि महाशिवरात्रि के दिन रुद्राभिषेक करने से भक्त की हर मनोकामना पूर्ण हो जाती है। महाशिवरात्रि के दिन भगवान भोलेनाथ को प्रसन्न करने के लिए भांग-धतूरा, दूध, चंदन, भस्म जैसी कई वस्तुएं अर्पित की जाती हैं। यदि किसी दंपति के संतान नहीं हो रही है तो महाशिवरात्रि के दिन शिव पुराण का पाठ करना चाहिए। मान्यता है कि इस दिन शिव पुराण का पाठ करने से संतान प्राप्ति की कामना पूरी होती है। परंतु शिव पुराण का पाठ करने से पूर्व कुछ विशेष सावधानियां बरतनी जरूरी हैं। आइए जानते हैं किन शुभ संयोग में मनाया जाएगा महाशिवरात्रि का पर्व और शिवपुराण के पाठ के समय रखनी चाहिए क्या सावधानियां।

इन खास संयोग में मनाई जाएगी महाशिवरात्रि

इस बार महाशिवरात्रि 2 विशेष योग में मनाई जाएगी। महाशिवरात्रि पर इस साल धनिष्ठा नक्षत्र में परिध योग रहेगा। धनिष्ठा के बाद शतभिषा नक्षत्र रहेगा। जबकि परिध योग के बाद शिव योग लगेगा। ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार परिध योग में शिव आरधना करने से शत्रुओं पर विजय हासिल करने में सफलता हासिल होती है। शिव योग में भगवान शिव की आरधना करने से समाज में मान सम्मान प्राप्त होता है। इसके अलावा महाशिवरात्रि पर ग्रहों का भी खास संयोग बन रहा है। मकर राशि के 12वें भाव में पंचग्रही योग बनेगा। इस राशि में शनि और मंगल के साथ चंद्र, बुध और शुक्र भी रहेंगे।

शिव पुराण पाठ के लाभ

शिव पुराण का पाठ करने से नि:संतान दंपति को संतान की प्राप्ति होती है।

शिव पुराण का पाठ करने से व्यक्ति को भय से मुक्ति मिलती है।

इस पुराण का पाठ करने से व्यक्ति को भोग और मोक्ष दोनों की ही प्राप्ति होती है।

यदि आप अपने पापों से छुटकारा पाना चाहते हैं तो शिव पुराण का पाठ सबसे ज्यादा लाभकारी है।

यदि आपके वैवाहिक जीवन में किसी प्रकार का कष्ट है तो शिवपुराण का पाठ करने से इससे मुक्ति मिलती है।

शिव पुराण का पाठ करने से इंसान को मृत्यु का भय नहीं सताता और मृत्यु के बाद ऐसे व्यक्ति को शिव के गण लेने आते हैं।

मानसिक शांति की प्राप्ति के लिए भी शिव पुराण का पाठ किया जाता है।

शिव पुराण का पाठ करते समय बरतें सावधानियां

महाशिवरात्रि पर शिवपुराण का पाठ लाभ जरूर देते हैं लेकिन इसके पाठ के दौरान कुछ सावधानियां बरतनी आवश्यक है, अन्यथा इसका विपरीत प्रभाव पड़ता है।

शिव पुराण को पढ़ने या सुनने से पहले तन और मन को शुद्ध करें तथा साफ तथा स्वच्छ वस्त्र धारण करें।

शिव पुराण का पाठ सुनने या पढ़ने से पहले जातक के मन में किसी के भी प्रति द्वेष भाव नहीं होना चाहिए।

शिव पुराण का पाठ करने वाले व्यक्ति को निंदा और चुगली नहीं करनी चाहिए अन्यथा पुण्य की प्राप्ति नहीं होती है।

शिव पुराण का वाचन करने वाले व्यक्ति को ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए।

शिव पुराण के पाठ के संकल्प के बाद तामसिक भोजन ग्रहण नहीं करना चाहिए, सात्विक भोजन अपनाना चाहिए।


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