सनातन धर्म में वैसे तो हर दिन और हर महीने का महत्व होता हैं लेकिन सावन का महीना बेहद ही खास माना जाता हैं जो कि भोलेबाबा की पूजा अर्चना को समर्पित होता हैं इस दौरान भक्त शिव शंकर की विधि विधान से पूजा करते हैं और उपवास आदि भी रखते हैं। अभी सावन का पवित्र महीना चल रहा हैं और आज यानी 7 अगस्त को सावन का पांचवां सोमवार हैं। अधिकमास के कारण इस बार सावन पूरे दो महीनों का हो गया हैं ऐसे में साधकों को शिव पूजा के लिए इस साल चार नहीं बल्कि आठ सोमवार मिल रहे हैं।
माना जाता हैं कि सावन सोमवार में कि जाने वाली शिव पूजा से प्रभु जल्दी प्रसन्न हो जाते हैं और अपने भक्तों की पीड़ाओं को हर लेते हैं। ऐसे में अगर आप खतरनाक काल सर्प दोष से पीड़ित हैं और इससे मुक्ति की राह खोज रहे हैं तो सावन में पड़ने वाले सोमवार के दिन शिव साधना के बाद ‘शिव पंचाक्षर स्तोत्र’ का पाठ जरूर करें, माना जाता हैं कि भोलेनाथ का ये चमत्कारी पाठ कालसर्प दोष के कारण होने वाली सभी परेशानियों से मुक्ति दिलाता हैं साथ ही साथ कुंडली में व्याप्त कालसर्पदोष भी दूर हो जाता हैं, तो आज हम आपके लिए लेकर आए हैं ‘शिव पंचाक्षर स्तोत्र’ का संपूर्ण पाठ।
शिव पंचाक्षर स्तोत्र—
नागेंद्रहाराय त्रिलोचनाय भस्मांग रागाय महेश्वराय।
नित्याय शुद्धाय दिगंबराय तस्मे न काराय नम: शिवाय:।।
मंदाकिनी सलिल चंदन चर्चिताय नंदीश्वर प्रमथनाथ महेश्वराय।
मंदारपुष्प बहुपुष्प सुपूजिताय तस्मे म काराय नम: शिवाय:।।
शिवाय गौरी वदनाब्जवृंद सूर्याय दक्षाध्वरनाशकाय।
श्री नीलकंठाय वृषभद्धजाय तस्मै शि काराय नम: शिवाय:।।
वशिष्ठ कुभोदव गौतमाय मुनींद्र देवार्चित शेखराय।
चंद्रार्क वैश्वानर लोचनाय तस्मै व काराय नम: शिवाय:।।
यज्ञस्वरूपाय जटाधराय पिनाकस्ताय सनातनाय।
दिव्याय देवाय दिगंबराय तस्मै य काराय नम: शिवाय:।।
पंचाक्षरमिदं पुण्यं य: पठेत शिव सन्निधौ।
शिवलोकं वाप्नोति शिवेन सह मोदते।।
नागेंद्रहाराय त्रिलोचनाय भस्मांग रागाय महेश्वराय।
नित्याय शुद्धाय दिगंबराय तस्मे ‘न’ काराय नमः शिवायः।।