Shiv Puja Remedies : शिव जहां, संपन्नता है वहां, ये है देवों के देव महादेव की पूजा का सरल उपाय
देश में शायद ही ऐसा कोई स्थान हो जहां कल्याण के देवता माने जाने वाले भगवान शिव की साधना न की जाती हो
देश में शायद ही ऐसा कोई स्थान हो जहां कल्याण के देवता माने जाने वाले भगवान शिव की साधना न की जाती हो. शीघ्र की कृपा दिलाने वाले औढरदानी के शिवलिंग आप तमाम मंदिरों से लेकर पेड़-पौधों के नीचे पूजते हुए पा जाएंगे. मान्यता है कि जीवन से जुड़ा कैसा भी संकट हो भगवान शिव की साधना करते ही पलक झपकते ही दूर होता है. आइए देवों के देव महादेव की पूजा का सरल उपाय और धार्मिक महत्व के बारे में विस्तार से जानते हैं.
भगवान शिव की जब भी पूजा करें इस बात का पूरा ख्याल रखें कि पूजन के दौरान आपका मुख पूर्व या उत्तर दिशा की ओर रहे. भगवान शिव की पूजा में उनकी प्रिय चीजें जैसे सफेद पुष्प, धतूरा, बेलपत्र अवश्य अर्पित करना चाहिए. भगवान शिव की पूजा में कुटज, नागकेसर, बंधूक, मालती, चंपा, चमेली, कुंद, जूही, केतकी, केवड़ा आदि के फूल भूलकर भी नहीं चढ़ाएं. शिव पूजन में ये सभी पुष्प पूरी तरह से वर्जित हैं.
भगवान शिव की पूजा में बेलपत्र को चढ़ाने से पहले उसकी डंठल की ओर के मोटे भाग, जो कि वज्र कहलाता है, उसे तोड़कर अवश्य निकाल दें. इसी प्रकार बेलपत्र को हमेशा उलट कर चढ़ाना चाहिए. इस बात का पूरा ध्यान रखें कि बेलपत्र कटा-फटा नहीं हो.
भगवान शिव की साधना में मंत्र जप का बहुत महत्व है. यदि आप भगवान शिव के पंचाक्षरी या फिर महामृत्युंजय का जाप करने की सोच रहे हैं तो आप इन चमत्कारी मंत्रों को हमेशा रुद्राक्ष की माला से जपें.
शिवलिंग की पूजा के दौरान उनकी पूरी परिक्रमा नहीं करनी चाहिए. धार्मिक मान्यता के अनुसार शिवलिंग में चढ़ाया गया जल जहां से निकलता है, उसे कभी डांका नहीं जाता है, बल्कि से शिवलिंग की उलटी प्रदक्षिणा की जाती है.
बीमार व्यक्ति के स्वास्थ्य लाभ के लिए शिव साधना अत्यंत फलदायी साबित होती है. ऐसे में आप संबंधित व्यक्ति के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना लिए हुए शिव पूजा का सरल उपाय कर सकते हैं. जीवन से जुड़े सभी प्रकार के रोग-शोक को दूर करने के लिए कच्चे दूध एवं गंगाजल से भगवान शिव का जलाभिषेक करें और महामृत्युंजय मंत्र का जप करें.
यदि आप आर्थिक रूप से परेशान चल रहे हैं और कठिन परिश्रम के बावजूद पैसों की किल्लत बनी रहती है तो आप भगवान शिव के साथ माता लक्ष्मी की कृपा पाने के लिए स्फटिक के शिवलिंग की साधना करें.