7 अक्टूबर से शुरु हो रहा शारदीय नवरात्रि, जान दुर्गा पूजा की शुभ तिथियां
पितृ पक्ष के अंतिम दिन यानी सर्व पितृ अमावस्या के अगले दिन से शारदीय नवरात्रि का प्रारंभ होता है। हिन्दी पंचांग के अनुसार, आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से मां दुर्गा की आराधना का महापर्व नवरात्रि शुरु होती है।
पितृ पक्ष के अंतिम दिन यानी सर्व पितृ अमावस्या के अगले दिन से शारदीय नवरात्रि का प्रारंभ होता है। हिन्दी पंचांग के अनुसार, आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से मां दुर्गा की आराधना का महापर्व नवरात्रि शुरु होती है। नवरात्रि में मां दुर्गा के नौ स्वरुपों मां शैलपुत्री, मां ब्रह्मचारिणी, मां चंद्रघंटा, मां कुष्मांडा, मां स्कंदमाता, मां कात्यायनी, मां कालरात्रि, मां महागौरी और मां सिद्धिदात्री की पूजा क्रमश: की जाती है। इस नवरात्रि में ही बंगाल, बिहार, झारखंड समेत देश कई राज्यों में दुर्गा पूजा का आयोजन होता है, तो कई स्थानों पर रामलीला का आयोजन होता है। दुर्गाष्टमी या महानवमी को कन्या पूजा की जाती है। महानवमी को नवरात्रि हवन का भी आयोजन होता है। दशहरा के दिन रावण, मेघनाद और कुंभकर्ण का पुतला दहन भी किया जाता है, वहीं विजयादशमी के दिन मां दुर्गा की मूर्तियों का विधि विधान से विसर्जन भी होता है। इस दिन शस्त्र पूजा भी की जाती है।