Shani Pradosh Vrat ज्योतिष न्यूज़ : सनातन धर्म में कई सारे व्रत त्योहार पड़ते हैं और सभी का अपना महत्व होता है लेकिन प्रदोष व्रत को बहुत ही खास माना गया है जो कि हर माह में दो बार आती है इस दिन भक्त भगवान शिव की विधिवत पूजा करते हैं और दिनभर उपवास भी रखते हैं मान्यता है कि ऐसा करने से महादेव की कृपा बरसती है।
पंचांग के अनुसार अभी सावन का महीना चल रहा है और इस माह का दूसरा व अंतिम प्रदोष व्रत आज यानी 17 अगस्त दिन शनिवार को रखा जा रहा है शनिवार के दिन प्रदोष पड़ने के कारण इसे शनि प्रदोष व्रत के नाम से जाना जा रहा है ऐसे में इस दिन शनि और शिव की पूजा करना लाभकारी होगा। सावन के आखिरी शनि प्रदोष पर पूजा पाठ करने से जातक के कष्टों का समाधान होता है साथ ही शनि और शिव की कृपा प्राप्त होती है तो आज हम आपको अपने इस लेख द्वारा पूजा का शुभ मुहूर्त बता रहे हैं तो आइए जानते हैं।
प्रदोष व्रत की पूजा का शुभ मुहूर्त—
हिंदू पंचांग के अनुसार सावन माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि का आरंभ 17 अगस्त की सुबह 8 बजकर 5 मिनट से हो चुका है और इस तिथि का समापन अगले दिन यानी की 18 अगस्त की सुबह 5 बजकर 50 मिनट पर हो जाएगा। वही उदया तिथि के अनुसार सावन माह का दूसरा व अंतिम प्रदोष व्रत 17 अगस्त को रखा जाएगा। प्रदोष व्रत में भगवान शिव की पूजा प्रदोष काल में करना शुभ माना जाता है।
ऐसे में प्रदोष काल यानी सूर्यास्त के बाद और रात्रि की शुरुआत से पहले का समय। ऐसे में आज प्रदोष काल शाम को 6 बजकर 58 मिनट से लेकर रात्रि 9 बजकर 9 मिनट तक पूजा का सबसे उत्तम समय रहेगा। क्योंकि यहीं समय प्रदोष काल है जो कि शिव पूजा के लिए लाभकारी माना गया है।