ज्योतिष न्यूज़ : सनातन धर्म में कई सारे पर्व त्योहार मनाए जाते हैं और सभी का अपना महत्व भी होता है लेकिन शनि जयंती को बहुत ही खास माना गया है जो कि शनिदेव की साधना आराधना हो समर्पित होता है पंचांग के अनुसार हर साल ज्येष्ठ माह की अमावस्या तिथि पर शनि जयंती का पर्व मनाया जाता है इस दिन शनि महाराज की विधिवत पूजा करने से साधक को मोक्ष की प्राप्ति होती है और सुखों में वृद्धि होती है।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार शनिदेव भगवान सूर्य के पुत्र है और इनका जन्म ज्येष्ठ अमावस्या पर हुआ थ। ऐसे में इसे शनि जयंती के नाम से जाना जाता है इस दिन शनिदेव की भक्ति भाव से आराधना की जाती है माना जाता है कि ऐसा करने से सभी प्रकार के सुखों में वृद्धि होती है और आर्थिक परेशानियां दूर हो जाती है तो आज हम आपको अपने इस लेख द्वारा शनि जयंती की तारीख और मुहूर्त की जानकारी प्रदान कर रहे हैं तो आइए जानते हैं।
तारीख और शुभ मुहूर्त—
हिंदू पंचांग के अनुसार ज्येष्ठ माह की अमावस्या तिथि का आरंभ 5 जून को संध्याकाल 7 बजकर 54 मिनट पर हो रहा है वही इसका समापन अगले दिन यानी की 6 जून को संध्याकाल 6 बजकर 7 मिनट पर हो जाएगा। उदया तिथि के अनुसार शनि जयंती का त्योहार 6 जून को मनाया जाएगा। इस दिन शनिदेव की विधिवत पूजा की जाती है और दिनभर उपवास किया जाता है माना जाता है कि ऐसा करने से शनि महाराज का आशीर्वाद मिलता है।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार शनि जयंती के दिन सुबह उठकर स्नान आदि करें इसके बाद भगवान शनिदेव की विधिवत पूजा कर व्रत आदि का संकल्प करें माना जाता है कि ऐसा करने से जीवन के दुखों का समाधान हो जाता है और सुख में वृद्धि होती है।