5 जून से शनि देव की उल्टी चाल शुरू, इन 3 राशि वालों की बढ़ सकती हैं मुश्किलें

वैदिक ज्योतिष के अनुसार जब कोई ग्रह राशि परिवर्तन या वक्री होता है, तो उसका सीधा प्रभाव मानव जीवन और पृथ्वी पर पड़ता है।

Update: 2022-06-05 08:02 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। वैदिक ज्योतिष के अनुसार जब कोई ग्रह राशि परिवर्तन या वक्री होता है, तो उसका सीधा प्रभाव मानव जीवन और पृथ्वी पर पड़ता है। आपको बता दें कि 5 जून को शनि देव कुंभ राशि में रहते हुए वक्री अवस्था में चले जाएंगे। वहीं शनि 23 अक्टूबर तक वक्री अवस्था में ही रहेंगे। शनि की इस उल्टी चाल का प्रभाव सभी राशियों पर पड़ेगा। लेकिन 3 ऐसी राशि हैं, जिनसे जुड़े जातकों को यह समय थोड़ा कष्टकारी साबित हो सकता है। आइए जानते हैं वो 3 राशियां कौन सी हैं…

वृष राशि: आपकी गोचर कुंडली शनि देव दशम (कर्म) भाव में वक्री होंगे, इसलिए आपको अपने कार्यस्थल पर परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। जॉब में बॉस से या वरिष्ठजनों से मनमुटाव हो सकता है। साथ ही ये भी हो सकता है आपको जॉब छोड़नी पड़ जाए। जो लोग व्यापारी हैं, उनको भी इस समय थोड़ा मुनाफा कम होगा। कोई बड़ा आर्डर कैंसिल हो सकता है। वहीं अगर आप नया कारोबार करने की सोच रहे हैं, तो यह समय अनुकूल नहीं है। इसलिए अबी टाल दें। साथ ही धन के मामले में थोड़ा सतर्क रहें क्योंकि कहीं पैसा फंसने के आसार दिखाई दे रहे हैं। उधार देने से बचें। साथ ही इस दौरान व्यापार में कोई डील फाइनल होते- होते रहती है। इस सब परेशानियों से बचने के लिए शनि देव की प्रतिमा के आगे सरसों के तेल का दीपक जलाएं।
मेष राशि: शनि देव का वक्री होना आपके लिए थोड़ा कष्टकारी साबित हो सकता है। क्योंकि शनि ग्रह आपके 11वें स्थान में वक्री होने जा रहे हैं। जिसको इनकम और लाभ कहते हैं। इसलिए इस दौरान आपको व्यापार में लाभ कम होगा। आर्थिक रूप से आप इनस दौरान पिछड़ सकते हैं। साथ ही इस समय आपके फिजूल खर्चों में बढ़ोतरी हो सकती है, जिससे आपका बजट बिगड़ सकता है। साथ ही इस दौरान आपके कामकाज में रुकावटें आ सकती हैं। वहीं कार्यक्षेत्र में किसी भी काम में सफलता पाने के लिए कड़ी मेहनत करनी पड़ेगी। किस्मत का साथ कम ही मिलेगा। वहीं मेष राशि के स्वामी मंगल देव हैं और ज्योतिष शास्त्र के अनुसार शनि देव और मंगल ग्रह में शत्रुता का भाव है। इसलिए आपको थोड़ा सावधान रहना चाहिए। आपको इस सब परेशानियों से बचने के लिए सूर्यास्त के बाद पीपल के पेड़ की पूजा करें और सात बार पीपल के पेड़ पर कलावा बांधे।
सिंह राशि: आपकी राशि से शनि ग्रह सप्तम भाव में वक्री हो रहे हैं। जिसे वैवाहिक जीवन और साझेदारी का स्थान कहते हैं। इसलिए इस दौरान आपके दांपत्य जीवन में कुछ कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है। छोटी- छोटी बातों पर मनमुटाव हो सकता है। वहीं साझेदारी के काम में इस समय कम मुनाफा हो सकता है। साथ ही अगर आप व्यापार में नई साझेदारी करना चाह रहे हो तो यह समय अनुकूल नहीं है। इसलिए अभी टाल दें। साथ ही इस समय जीवनसाथी का स्वास्थ्य भी कुछ खराब हो सकता है। जिससे आपको चिंता हो सकती है। सिंह राशि पर सूर्य देव का आधिपत्य है और ज्योतिष अनुसार सूर्य देव और शनि ग्रह में शत्रुता का भाव है। इसलिए शनि देव का वक्री होना आपके लिए थोड़ा कष्टकारी साबित हो सकता है। इसलिए इस सब कठिनाइयों से बचने के लिए आपको हनुमान चालीसा और सुंदरकांड का पाठ करना चाहिए।
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