न्याय और भाग्य का देवता है शनि देव, जानिए इसके पूजा की विधि
जीवन में कमजोर समय आते ही लोग शनि के प्रभाव पर विचार करने लगते हैं. अक्सर जीवन में बड़े अवरोध शनि की साढ़ेसाती और ढैया में आते हैं.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क | जीवन में कमजोर समय आते ही लोग शनि के प्रभाव पर विचार करने लगते हैं. अक्सर जीवन में बड़े अवरोध शनि की साढ़ेसाती और ढैया में आते हैं. अवरोधों को दूर करने का सर्वाेत्तम उपाय यही है कि कर्म की शुचिता और स्पष्टता रखी जाए. सत्कर्म स्वयं में ईश्वर पूजा के समान हैं. सच्चाई और ईमानदारी से किए गए कार्य निश्चित ही फलित होते हैं.लोग शनि के दुष्प्रभावों और कठोर दृष्टि से बचना चाहते हैं सर्वप्रथम उन्हें अपने कार्याें पर ध्यान देना चाहिए. कामकाज में आवश्यक सुधार करना चाहिए. किसी को भी ठगने, धोखा देने, झूठ बोलने और नीचा दिखाने की आदत छोड़ देनी चाहिए.लोग साढ़ेसाती व ढैया में शनिदेव को मनाने के लिए उन्हें पूजने शनि मंदिरों में जाते हैं. ऐसा करने से मनोबल बढ़ता है लेकिन जिस तरह न्यायाधीश तथ्यों के आधार पर फैसला सुनाता है उसी प्रकार शनिदेव कर्मफल के अनुसार भाग्य का प्रभाव दिखाते हैं.