Shani Amavasya July 2021: कल है शनिश्चरी अमावस्या, जानें शनि अमावस्या का महत्व
10 जुलाई 2021 शनिवार के दिन सुबह 6 बजकर 47 मिनट तक अमावस्या तिथि रहेगी।
10 जुलाई 2021 शनिवार के दिन सुबह 6 बजकर 47 मिनट तक अमावस्या तिथि रहेगी इसके बाद प्रतिपदा तिथि लग जाएगी। सूर्योदय अमावस्या तिथि में होने की वजह से इस दिन अमावस्या तिथि का ही मान रहेगा। शास्त्रों में बताया गया है कि जब शनिवार के दिन अमावस्या तिथि लगती है तो इसका महत्व कई गुना बढ जाता है और इस दिन को शनि अमावस्या तिथि कहते हैं। शनिवार के स्वामी देवता शनि महाराज हैं और अमावस्या तिथि में इनका जन्म हुआ है। इसलिए जब भी शनिवार के दिन अमावस्या तिथि का दुर्लभ संयोग बनता है तो इस दिन शनि महाराज की पूजा करना बहुत ही लाभप्रद होता है ऐसा शास्त्रों में बताया गया है। इस दिन पितरों के लिए जल अर्पण का भी विधान है, इससे पितृगण संतुष्ट होते हैं।
शनि अमावस्या का महत्व
धर्म शास्त्रों के अनुसार अमावस्या अगर शनिवार को आए तो उसका महत्त्व बहुत बढ़ जाता है क्योंकि कई धार्मिक कार्य केवल इसी अमावस्या तिथि के दिन ही किये जाते हैं। मान्यता है कि शनि संबंधी अनेक बाधाओं से मुक्ति पाने का यह दुर्लभ समय होता है।
अति दुर्लभ संयोग है यह
शास्त्रों के अनुसार इसे अति दुर्लभ संयोग माना जाता है। वर्ष भर में एक या दो बार ही शनि अमावस्या आती है। कभी-कभी वर्ष में एक बार भी शनि अमावस्या का योग नहीं बनता। पौराणिक धर्म ग्रंथों और सनातन धर्म में शनि अमावस्या को अत्यंत महत्वपूर्ण माना गया है।
ऐसे मिलती है पितृदोष की पीड़ा से राहत
कहते हैं कि जिन जातकों की कुण्डली में पितृदोष हो उन्हें पितृदोष की पीड़ा से राहत पाने के लिए शनि अमावस्या के दिन पितरों का श्राद्ध अवश्य करना चाहिए। ऐसी मान्यता है कि आरोग्य लाभ और वंश वृद्धि के लिए पितरों का अनुग्रह जरूरी है।
होता है यह अचूक लाभ भी
मान्यताओं के अनुसार अगर कोई जातक कालसर्प योग, ढैय्या या फिर शनि की साढ़ेसाती से परेशान हो तो उसके लिए यह तिथि अत्यंत शुभ है। कहते हैं कि इस दिन शनि संबंधी अनेक दोषों से राहत पाने के लिए अगर केवल दिव्यांगों को यथाशक्ति दान ही कर दिया जाए तो भी शनिदेव प्रसन्न हो जाते हैं और जातकों को सुख-समृद्धि का आशीर्वाद देते हैं।