Shagun Lifafa: शगुन के लिफाफे में इसलिए दिया जाता है 1 रुपए का सिक्का, ये है खास वजह
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। आपने अक्सर देखा होगा कि शादी-ब्याह के मौके पर लोग शगुन के लिफाफे (Shagun Lifafa) देते हैं. जिसके साथ 1 रुपए का सिक्का लगाकर दिया जाता है. लेकिन, क्या आप जानते हैं कि लोग ऐसा क्यों करते हैं. अगर आप सोच रहे हैं कि इसके पीछे कोई अंधविश्वास है तो, आप गलत सोच रहे हैं क्योंकि इसके पीछे विज्ञान (shagun lifafa 1 rupee reason) छिपा हुआ है. तो, चलिए आपको बताते हैं कि लोग ऐसा (shagun lifafa with coin diy) क्यों करते हैं.
शगुन के लिफाफे में 1 रुपए एक्स्ट्रा क्यों देते हैं -
101, 251, 501, 1001 जैसी संख्याएं अविभाज्य हैं. इसका मतलब है कि जब आशीर्वाद के रूप में 1 रुपए का सिक्का जोड़कर देते हैं तो आपकी शुभकामनाएं अविभाज्य हो जाती हैं. इस तरह प्राप्तकर्ता के लिए वो 1 रुपया वरदान (shagun lifafa with coin diy) बन जाता है.
शगुन का 1 रुपया निवेश का चिन्ह माना जाता है. 1 रुपए के अलावा शेष धनराशि को शगुन लेने वाला खर्च कर सकता है. वहीं 1 रुपया विकास का बीज होता है. शगुन देते समय यही कामना की जाती है कि जो धन हम दान देते हैं. वो बढ़ता जाए और हमारे रिश्तेदारों के लिए समृद्धि लाए. ऐसे में इस 1 रुपये को खुशी के साथ अपने प्रियजनों को दान (Kanyadaan) देना चाहिए.
संख्या शून्य (0) अंत का प्रतीक होता है, जबकि संख्या एक (1) को शुरुआत का चिन्ह माना जाता है. इसलिए, शगुन में 1 रुपए का सिक्का जोड़ा जाता है, जिससे प्राप्तकर्ता शून्य पर न रह जाए बल्कि, इसके पार आ जाए.
सिक्के को मां लक्ष्मी का अंश माना जाता है -
धातु को मां लक्ष्मी का अंश माना जाता है. कोई भी धातु धरती के अंदर से ही आती है. इसलिए, इसे देवी लक्ष्मी का अंश माना जाता है. ऐसे में शगुन के रूप में दान दिया जा रहा 1 रुपए का सिक्का अगर धातु का हो तो और भी सोने पर सुहागा हो जाता है. ऐसा करने से दान देने वाले और दान लेने वाले दोनों का सौभाग्य बढ़ जाता है.
शगुन के रूप में दान में दिया गया एक्स्ट्रा 1 रुपए का सिक्का कर्ज माना जाता है. उस 1 रुपए को देने का मतलब ये होता है कि प्राप्तकर्ता पर कर्ज चढ़ गया है. अब, उसे दानदाता से फिर मिलना होगा और उस कर्ज को उतारना होगा. ये एक रुपया निरंतरता का प्रतीक होता है. जिससे आपसी रिश्ते मजबूत होते हैं. इसका सीधा-सा मतलब होता है कि (shagun lifafa design) 'हम फिर से मिलेंगे.'