देवताओं के इन वाहनों को देखना माना जाता है अशुभ, जाने कैसे

Update: 2022-11-18 05:17 GMT

हिंदू धर्म में सभी देवी-देवताओं का अपना महत्व और अपना वाहन है. जैसे भगवान विष्णु का वाहन गरुड़, शिव का नंदी, मां लक्ष्मी का उल्लू. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, देवता जब भी आगमन करते हैं तो वे अपने वाहन पर ही आते हैं, इसलिए संसार में कुछ पशु-पक्षियों को बेहद शुभ माना गया है परंतु कुछ ऐसे पशु-पक्षी भी हैं, जो देवता के वाहन हैं परंतु उनको अशुभ माना जाता है. पंडित इंद्रमणि घनस्याल बताते हैं कुछ देवी-देवताओं के वाहन मनुष्यों के लिए अशुभ माने जाते हैं.

भगवान विष्णु का वाहन गरुड़

त्रिदेव में भगवान विष्णु भी आते हैं. भगवान विष्णु का वाहन गरुड़ होता है, जिसका अर्थ है गिद्ध. गरुड़ को राज पक्षी के नाम से भी जाना जाता है. गरुड़ काफी चालाक और तेज दिमाग वाला होता है. भगवान विष्णु का वाहन होने के बावजूद गरुड़ को अशुभ माना जाता है.

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, सपने में गिद्ध को देखने से धन की हानि होती है. गिद्ध का घर की छत पर बैठना भी शुभ संकेत नहीं होता. इसका अर्थ पतन होता है. गरुड़ मांसाहारी होने के कारण उसका घर के आस-पास भटकना अच्छा नहीं माना जाता है.

यमराज का वाहन भैंसा

सूर्य पुत्र यमराज को मृत्यु का देवता कहते हैं. मृत्यु के पश्चात जीवात्मा को यमराज के समक्ष पेश होना पड़ता है. यमराज का वाहन एक भैंसा है और भैंसा अनिष्ट का सूचक होता है. शास्त्रों के अनुसार, सपने में भैंसा देखना अशुभ माना जाता है. भैंसे का दिखाई देना किसी की मृत्यु की ओर इशारा करना है. ऐसे में भैंसा का दिखाई देना शुभ नहीं माना जाता है.

शनि देव का वाहन कौआ

शनि देव को न्याय का देवता कहते हैं परंतु शनि देव के प्रकोप से जीवन में अनेक परेशानियां आती हैं. शनि देव का वाहन कौआ है. कौआ को पितरों का रूप माना जाता है, इसलिए कुछ विशेष परिस्थितियों में शुभ माना जाता है. परंतु हर वक्त घर के पास कौआ देखना अशुभ माना जाता है, ये परिवार के कंगाली का संकेत देता है. घर पर कौआ आने का मतलब किसी बड़ी बीमारी का संकेत देना है, इसलिए कौआ अशुभ माना जाता है.

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